डेस्क : हवाई जहाज को लेकर आज भी लोगों के मन में कई तरह के सवाल होते हैं। आसमान में उड़ते हवाई जहाजों को देखकर लोग कई तरह के अनुमान लगाने लगते हैं। इनमें सबसे बड़ा सवाल यह है कि पायलट को आसमान में रास्ता कैसे पता होगा?
अगर आपके मन में कभी ऐसे सवाल आए हैं तो यह लेख आपके लिए है। आज हम आपको बताएंगे कि आसमान में विमान उड़ाते समय पायलट को रास्ता कैसे पता चलता है। दरअसल आकाश में सभी जड़ें एक जैसी हैं। ऐसे में रास्ता ढूंढना मुश्किल हो जाएगा। तो आइए इसके बारे में जानते हैं।
आप रास्ता कैसे खोजते हैं?
जब पायलट हवाई जहाज उड़ाता है तो वह रेडियो और रडार का उपयोग करके रास्ता बताता है। इसके अलावा एयर ट्रैफिक कंट्रोल होता है, जो पायलट को जानकारी देता है कि उसे किस दिशा में जाना चाहिए और कहां नहीं जाना चाहिए।
हालाँकि, अब तकनीक आधुनिक हो गई है, कई तरह के मीटर आ गए हैं, जिनसे रास्ते का पता लगाया जा सकता है। प्राचीन काल की बात करें तो पहले पायलट जमीन, पहाड़, घर और रेलवे लाइन को देखकर रास्ता पता करते थे, जिसमें सेंसर लगे होते थे।
एचएसआई तकनीक क्या है?
HSI यानी हॉरिजॉन्टल सिचुएशन इंडिकेटर का इस्तेमाल पायलट को सही रास्ता दिखाने के लिए किया जाता है। आपको बता दें कि इसे देखकर पायलट आसानी से जान सकता है कि उसे कहां जाना है। इसके अलावा यह कंप्यूटर हर स्थान की स्थिति, अक्षांश और देशांतर को भी सटीकता से मापने का काम करता है। इसके कारण दुनिया के कई हवाई अड्डों के निर्देशांक भी कंप्यूटर में भरे रहते हैं और रास्ता दिखाने के लिए एक लाइन की तरह काम भी करते हैं।