डेस्क : DGCA के नियम के मुताबिक़, आपकी फ्लाइट कैंसिल हो जाती है और एयरलाइन की तरफ से वैकल्पिक उड़ान से सफर करने के आप इच्छुक नहीं हैं तो उस एयरलाइन को किराया वापस करना होता है। एयरलाइन CAR सेक्शन 3, सीरीज एम, पार्ट-2 के तहत किराया वापस होने की प्रक्रिया शुरू होती है। जिसे तहत आपको आपको पूरा पैसा वापस मिल जाएगा।
डीजीसीए की ऑफिशियल वेबसाइट पर दी गई जानकारी के मुताबिक़, अगर एयरलाइन की तरफ से फ्लाइट कैंसिल हो जाती है और आप इसके बाद भी सफर करना चाहते हैं तब ऐसे में एयरलाइन की ये जिम्मेदारी है कि बिना किसी अतिरिक्त चार्ज के आपके सफर की वैकल्पिक व्यवस्था करे। यानी अगली फ्लाइट में आपको शिफ्ट किया जाएगा।
इसके अलावा आप अगर अपने रियल फ्लाइट से सफर करने और वैकल्पिक फ्लाइट की प्रतीक्षा करने के लिए एयरपोर्ट को सूचना दे चुके हैं, तब यह एयरलाइन की जिम्मेदारी है कि आपके भोजन और ब्रेकफास्ट की पूरी व्यवस्था करे।
DGCA के अनुसार, आप अगर एयरलाइन द्वारा प्रस्तावित वैकल्पिक यात्रा व्यवस्था को स्वीकार नहीं करते हैं या फिर एयरलाइन के कंट्रोल से परे असाधारण परिस्थितियों के चलते फ्लाइट कैंसिल होता है तो किसी भी मुआवजे के आप हकदार नहीं होंगे। दरअसल,फ्लाइट खाली सीटों के साथ कई बार डिपार्चरनहीं होफ्लाइ। आमतौर पर ऐसी स्थिति में एयरलाइन्स सीमित लिमिट तक फ्लाइट्स को ओवरबुक करती हैं। वहीं किसी खास फ्लाइट पर ओवरबुकिंग के मामले में ज्यादा पैसेंजर फ्लाइट के लिए रिपोर्ट करते हैं। तब एयरलाइन आपको बोर्डिंग से इनकार कर सकती है। हालांकि इसके लिए भी आपके पास राइट्स हैं।
आपके पास अगर कन्फर्म फ्लाइट टिकट है। फ्लाइट डिपार्चर से पहले तय समय के भीतर आप एयरपोर्ट आ चुके हैं और आप अपनी सीट अपनी मर्जी से छोड़ते हैं तो एयरलाइन अपने हिसाब से बेनिफिट या सुविधाएं ऑफर कर सकता है। लेकिन वहीं अगर आप सफर करना चाहते हैं और सीट खाली नहीं करना चाहते हैं तो ऐसे में एयरलाइन को CAR, Section 3, Series M, Part IV के मुताबिक पैसेंजर को रिफंड के रूप में मुआवजा देना पड़ेगा।