Red Signal : आपने ट्रेन में कई बार सफर किया होगा और इस दौरान ये भी देखा होगा कि ट्रेन हमेशा रेड सिग्नल (Red Signal) से पहले ही रोक दी जाती है। लेकिन अगर लोको पायलट ब्रेक लगाना भूल जाये और ट्रेन रेड सिग्नल पार कर दे तो क्या होगा?
वैसे तो ऐसा होना बहुत ही मुश्किल है, लेकिन हाल ही में ऐसा हुआ जब लोको पायलट ने ट्रेन को स्टेशन पर नहीं रोका। छपरा-फरुखाबाद उत्सर्मग एक्सप्रेस के चालक ने ट्रेन को स्टेशन के आधे किलोमीटर बाद जाकर रोका।
ऐसा होने के बाद ट्रेन (Train) और रेलवे स्टेशन पर काफी ज्यादा हलचल मच गई थी क्योंकि ना तो ट्रेन में बैठे हुए यात्री स्टेशन पर उतर सकते थे और ना ही स्टेशन पर खड़े यात्री ट्रेन में बैठ सकते थे। लेकिन अच्छी बात ये रही कि इस दुर्घटना में किसी व्यक्ति को नुकसान नहीं हुआ।
लेकिन ऐसे में एक सवाल जरूर उठना है कि अगर लोको पायलट रेड सिग्नल (Red Signal) पर ट्रेन ना रोके तो क्या होगा? अगर कोई गाड़ी रेड सिग्नल क्रॉस कर दे तो क्या हो सकता है? ऐसे में उसका एक्सीडेंट हो भी सकता है और नहीं भी हो सकता। ठीक इसी तरह का नियम ट्रेन पर भी लागू होता है।
ट्रेन के रेट सिग्नल क्रॉस करने पर हजारों लोगों की जिंदगी खतरे में आ सकती हैं। लेकिन ट्रेन का अलर्ट सिस्टम लोको पायलट को रेड सिग्नल (Red Signal) क्रॉस होने पर आगाह कर देता है। ऐसी स्थिति में लोको पायलट इमरजेंसी ब्रेक लगा देता है।
इसी तरह एंटी कॉलिजन डिवाइस भी ट्रेन को दुर्घटना होने से बचा सकता है। लेकिन अभी तक यह सभी ट्रेनों में इंस्टॉल नहीं किया गया है, पर धीरे-धीरे इसका काम चल रहा है। ऐसे में इस सर्वर से कनेक्ट किया जा रहा है ताकि अगर कोई ट्रेन रेड सिग्नल (Red Signal) पार कर दे तो इमरजेंसी ब्रेक लगाकर उसे रोक कहा जा सके।
ऐसी हरकत के बाद लोको पायलट पर भी बड़ी कार्रवाई की जाती है और दुर्घटना न होने पर उसे डीमोट कर दिया जाता है। लोको पायलट ग्रुप-सी की जॉब है लेकिन ऐसी घटना के बाद उसे ग्रुप-डी में डाल दिया जाएगा और वेतन व अन्य भत्ते घटा दिए जाएंगे।