Indian Railway : भारत देश में लोग यात्रा करने के लिए ट्रेन का उपयोग करते हैं। हर दिन करोड़ो की संख्या में लोग आने जाने के लिए ट्रैन को सुरक्षित मानते है। वहीं पर ट्रैन में गंदगी के किस्से तो बहुत से सुनने को मिल जाते हैं। आज हम आपको बताएंगे की एसी कोच में मिलने वाले कंबल, चादर, और तौलिया साफ़ और स्वच्छ है कि नही तो चलिए जानते हैं…
एसी वाली ट्रेनों में यात्रा करने वाले लोगों को तौलिया, कंबल और चादर सर्विस में मिलती हैं। मगर लोगों के मन में यह सवाल जागता है कि यह चादर और कंबल साफ़ – सुधरे होंगे के नही। कंबल कभी धुले है या नहीं। ऐसे ही सवालों का जवाब देने के लिए रेलवे ने QR कोड को लागू किया है । जिसके तहत यात्रीगण QR कोड को स्कैन करके जान पाएंगे की बेडरोल आखरी बार कब साफ हुआ था। जिससे बेडरॉल के गंदे या साफ़ होने को जानकारी भी मिल जाएगी।
रेलवे के मुख्य अधिकारी के मुताबिक रेलवे स्टेशनों से गुजरने वाली अहम सुविधा को शुरु कर दिया गया है। हाजीपुर के मुख्य अधिकारी वीरेंद्र कुमार के अनुसार रेल यात्रियों द्वारा बेडरोल गंदा होने की शिकायत कर दी जाती है। रेलवे के यात्रीगण की शिकायतों को दूर करने के लिए इस QR कोड को शुरु करा गया है।
QR कोड वाले पैकेट में जानें क्या क्या होता है
QR कोड एक तरीके का नमूना होता है जिसको स्कैन करने पर बेदरोल की सारी जानकारी प्राप्त होती है। QR कोड का पूरा नाम क्विक रिस्पॉन्स कोड होता है। इसको स्कैन करने के बाद यात्रियों को बेदरोल कब पैक हुआ और सफ़ाई से संबंधित जानकारी प्राप्त कर सकता है। रेलवे की तरफ़ से बहुत सी ट्रेनों में QR कोड को अंकित करना शुरु हो चुका है। अगर आपका बेडरोल गंदा है तो उसे आप आसानी से बदलवा भी सकते हैं। इस पैकेट में एक तौलिया, एक कंबल और एक चादर होती है। जिसका उपयोग आप सफ़र में करते हैं।
रेलवे के मुख्य अधिकारी ने बताया की रेलवे के बहुत से स्टेशनों पर QR कोड की सुविधा प्रदान करा दी गई है और वह स्टेशन हैं रांची से नई दिल्ली जाने वाली राजधानी एक्सप्रेस, महाबोधि स्टेशन, भुवनेश्वरी राजधानी एक्सप्रेस जैसी बड़ी बड़ी ट्रेनों में QR कोड की सुविधा को शुरु कर दिया है। इससे रेलवे के यात्रियों की उलझन सुलझ जाएगी और और लोगों के मन से आशंका भी दूर होगी। बेडरोल के पैकेट ने रेलवे की मुसीबतों को बहुत कम किया है।