अभी कराके की ठंड है। ठंड में लोग अक्सर आग सेका करते हैं। आपने खाना बनाने के लिए भी कोयला का इस्तेमाल किया होगा। लेकिन क्या कभी आपने सोचा है कोयला काले रंग का होता है। जबकि जलने पर उसके अंदर से निकली आग लाल रंग की होती है। मगर क्यों कोयले के अंदर से निकल रहा धुआं सफेद होता है? तो चलिए आज हम आपको इस आर्टिकल के माध्यम से इसकी वजह बताते हैं।
क्यों कोयले से निकलता है सफेद धुआं?
अपने कोयले को जलते देखा होगा। जब कोयला थोड़ा गीला होता है तो उससे निकलने वाला धुआं काफी सफेद दिखता है। आपको बता दें कि कोयला के जलने पर अवशिष्ट सल्फाइड का निर्माण होता है। सल्फाइड की वजह से ही धुएं का रंग हमें सफेद दिखाई देता है। यह धुआं पर्यावरण के लिए बेहद हानिकारक है।
वातावरण को करता है प्रदूषण
कोयला, पराली और लकड़ी को जलाने से पैदा होने वाली धुआं पर्यावरण के लिए सबसे ज्यादा खतरनाक है। यह पर्यावरण को प्रदूषित करता है। इसे जलाने से एयर क्वालिटी खराब होती है। खराब एयर क्वालिटी का असर हमारे स्वास्थ्य पर भी पड़ता है। प्रदूषित हवा में सांस लेने से लोग बीमार पड़ते हैं। इस वजह से हमें कोयला,लकड़ी और पराली जैसी चीजें जलाने से बचना चाहिए।