आपने अक्सर लोगों को खुशी के किसी पल में रोते देखा होगा जैसे अक्सर कोई धावक जब अपनी रेस खत्म करता है तो रोने लगता, आपने किसी का कोई महत्वपूर्ण एग्जाम या किसी महत्वपूर्ण खुशी के दिन पर रोते हुए देखा होगा मगर खुशी के मौके पर आखिर लोग रोते क्यों हैं?
खुशी में क्यों ‘रोते’ हैं लोग?
अक्सर लोग खुशी के मौके पर रोने लगते हैं लेकिन आप ये ना समझें की खुशी के आंसू कमजोरी की निशानी है या खुशी में रोने वाला कमज़ोर है।अक्सर जब कोई रोता है तो हम उससे संवेदना रखते हैं उसे कमजोर मान लेते हैं लेकिन ऐसा नहीं है मगर “क्यों कोई खुशी के आंसू रोता है?”
क्यों आते हैं खुशी के आंसू?
एक रिसर्च के अनुसार लोग अपनी भावनाओं को दबाकर रखते हैं और जब कोई अच्छी खबर होती है तो वे अपनी भावनाओं को रोक नहीं पाते और रोने लगते हैं।लेकिन रोना अच्छी बात होती है, रोने से स्ट्रेस कम होता है। ये स्ट्रेस के हार्मोन को बाहर निकालता है। आंसू में कई एंजाइम और प्रोटीन होता है, जब आप रोते हैं तो आप शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक रूप से हल्का महसूस करते हैं।
और ऐसा इसलिए होता है क्योंकि आंसू आपके शरीर को संतुलित बनाते हैं।रोने की कई होती हैं वजहरोना कई तरह का होता है। जैसे खुशी में इंसान रोता है तो वो मजबूत माना जाता है। कुछ लोग चिड़चिड़े होते हैं तब रोने लगते हैं, उनके पास रोने के अलावा खुद को अभिव्यक्त करने के लिए कोई और सहारा नहीं होता।
वहीं ऐसा माना जाता है कि रोने वाला कमज़ोर होता है और इसके पास अब कोई शक्ति नहीं है लेकिन ये भी एक मानसिक दशा होती है।लेकिन जब भी आपकी भावना बहुत शक्तिशाली होती है और आप उस भावना से अभिभूत हो जाते हैं, तब आप रोने लगते हैं और रोकर आप अपनी भावनाओं को नियंत्रित करते हैं।
खुशी के आंसू अच्छे या बुरे?
आपको बता दें कि खुशी के आंसू अच्छे होते हैं, ये आपको नुकसान नहीं पहुंचाते बल्कि आपके लिए फायदेमंद होते हैं।
खुशी के आंसू आपको मजबूत बनाते हैं क्योंकि खुशी के आंसू आपके जीवन में कम ही होते हैं और जब आप अपनी खुशी को पूरे मन से महसूस कर लेते हैं तो आप रोने लगते हैं।
किसी से कोई प्रेम भाव व्यक्त करने पर, किसी का आभार व्यक्त करने पर आप जब रोते हैं, तब दूसरा आपसे ज्यादा जुड़ाव महसूस करता है।खुशी के आंसू आपके अपनो को ज्यादा प्रभावित करते हैं, तो खुशी के आंसू एक बहुत अच्छा और स्वस्थ्य भाव है। खुशी में रोने हमेशा ही अच्छा होता है।