मोहाली, पंजाब में स्थित चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी में उस समय हंगामा मच गया जब यूनिवर्सिटी हॉस्टल में एक लड़की अन्य नहाती हुई लड़कियों का वीडियो बनाते हुए पकड़ी गई। इस खबर के अनुसार, उस लड़की ने लगभग 60 लड़कियों का MMS तैयार किया और फिर उस वीडियो को कुछ लड़कों के साथ साझा कर दिया।
इसके बाद लड़कियों द्वारा उस लड़की से बात करने का प्रयास किया गया की जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। वीडियो में जब लड़की से पूछा गया कि क्या उसने यह वीडियो खुद बनाया है, तो लड़की ने एक लड़के की फोटो दिखाते हुए बताया कि वह उस लड़के के दबाव में वीडियो बना रही थी।
फिलहाल लड़की पुलिस की गिरफ्त में है एवं मोहाली के पास खरड़ पुलिस स्टेशन में लड़की पर आईपीसी की धारा 354C और आईटी एक्ट 66A एवं 67A के तहत एफआईआर की गई है। आपको बता दें IPC की धारा 354C में ऐसे अपराध के लिए सजा का प्रावधान है।
इसके अनुसार यदि कोई महिला कोई निजी कार्य कर रही है, तो उस समय उसे देखना अपराध माना जायेगा। या फिर कोई महिला ऐसा काम कर रही हो जिसे वह सार्वजनिक जगहों पर नहीं कर सकती तो उस समय महिला की फोटो खींचना एक दंडनीय अपराध है।
आरोपी को दोषी मानते हुए IPC की धारा 354C के तहत सजा दी जाएगी। पहली बार दोषी पाए जाने पर आरोपी को कम से कम 3 साल की सजा एवं जुर्माना भुगतना पड़ सकता है। अगर आरोपी दूसरी बार दोषी पाया जाता है, तो ऐसे में उसे 3 से 7 साल की सज़ा एवं जुर्माना भुगतना पड़ सकता है।
वहीं आईटी एक्ट की धारा 66E के अनुसार यदि कोई किसी महिला या पुरुष की अनुमति के बिना उसके प्राइवेट पार्ट की तस्वीर लेता है, उसे ऑनलाइन अपलोड करता है अथवा छापता है, तो उसे 3 साल तक की सज़ा एवं 2 लाख तक का जुर्माना या फिर दोनों भुगतने पड़ सकते हैं।
क्या 354C के तहत जमानत मिलती है?
पहली बार 354C के तहत दोषी पाए जाने पर आरोपी को जमानत मिल सकती है, लेकिन यदि वह दोबारा इसी धारा के तहत दोषी पाया जाता है तो उसे जमानत नहीं मिलेगी। इसके अतिरिक्त किसी व्यक्ति द्वारा सोशल मीडिया पर अपमानजनक तथ्य प्रसारित/प्रकाशित करने पर उसके खिलाफ आईपीसी की धारा 499, 500 एवं 501 के तहत मामला दर्ज किया जा सकता है।
यदि किसी के द्वारा सोशल मीडिया या इंटरनेट पर आपके खिलाफ झूठी टिप्पणी की जा रही है या जानूझकर आपके सम्मान को ठेस पंहुचाई जा रही है, तो ऐसे में आप मजिस्ट्रेट के यहां उसके खिलाफ मानहानि का दावा कर सकते हैं। ऐसे में अगर कोई दोषी पाया जाता है तो उसे कम से कम दो साल की सजा मिलेगी।