Mughal History: जब भारत के इतिहास के पन्नों में मुगलों का इतिहास लिखा जा रहा था तो उसी समय बादशाह और हरम की अय्याशी के कई किस्से भी लिखे गए है. यह वहीं हरम है जिसमे कई रहस्य छिपे हुए है, लेकिन इनका खुलासा तब हुआ जब इटावाली यात्री नमुचि और व्यापारी फ्रांसिस्को पेलसर्ट ने हरम में घुसाने की इजाजत मिली.
हरम से कई जुड़ी रहस्य को इन दोनों विदेशियों ने उजागर किया है जो सच में चौका देने वाला है. उन्होंने लिखा है कि मुगल बादशाह किस कदर अय्याशी में डूबे रहते थे. इतना ही नहीं फ्रांसिस्को पेलसर्ट जहांगीर के जिगरी दोस्त के साथ घुल मिलकर उसके और करीब पहुंचे तो मुगल बादशाह जहांगीर के बारे में कई और दिलचस्प बातें सामने आई.
मुगलों में सबसे अय्याशी बादशाह
फ्रांसिस्को पेलसर्ट ने अपनी एक किताब मुगल बादशाह पर लिखते हुए जिसका नाम “जहांगीर इंडिया” रखा है लेकिन उसमें मुगल बादशाह जहांगीर को लेकर कई खुलासे भी किए हैं. उन्होंने अपनी किताब में लिखा है कि मुगल बादशाह जहांगीर एक ऐसा शासक था जिसके पास 25 साल की उम्र में 20 बीबिया यानी 20 शादियां हो चुकी थी. और वह हमेशा भोग विलास में डूबा रहने वाला मन का मनमौजी बादशाह था. उसके हरम में 300 से अधिक महिलाएं रहती थी, और इनकी संख्या लगातार बड़ती रहती थी.
हर पत्नियों के लिए 20 दासियां
मुगल शासक जहांगीर इतनी कम उम्र में 20 शादियां करने के बाद उनकी देखरेख करने के लिए हर एक पत्नी के पास 20 दासियां को रख दिया था. जिन्हें महीने के तौर पर भट्ट देता था और उनका इस्तेमाल कपड़े धोने गहने साफ करने जैसे कार्यों में किया करता था. जहांगीर की पत्नियों में यह और मची रहती थी कि कौन कितनी सुंदर है ताकि वह मुगल शासक जहांगीर को अपनी ओर आकर्षित कर सके.
दासियों के बीच रखा था उत्तेजित करने वाला सामान
फ्रांसिस्को पेलसर्ट ने अपनी किताब में यह भी लिखा है कि जहांगीर अपनी बेगम से मिलने की तैयारी करता था तो उसके लिए पहले से योजना बनाता था. अपनी पत्नी से मिलने के लिए वह कमरे को भव्य तरीके से सजाव आता था कमरे में इत्र छोड़वाता था खुशबू के लिए. यहां तक की देखरेख के लिए मौजूद दासिया रेशमी पंखों से हमेशा हवा चलाती रहती थी. इसके अलावा कुछ दासियों को गुलाब जल के छिड़काव के लिए रखता था, और उनके बीच अफीम और उत्तेजित करने वाली सामग्री भी रखता था.
जो दासी पसंद उसी के साथ रात बिताता था
फ्रांसिस्को पेलसर्ट ने अपनी किताब में, लिखा की यह शासक ऐसा था कि उसे अगर कोई दासी पसंद आ जाती थी तो वह उसके साथ रात बीतता था. अगर वह दासी जहांगीर को खुश कर देती थी तो उसके ऊपर नोटों की बारिश कर देता था और हमेशा के लिए बादशाह की चहेती की दासी बन जाती थी. वहीं अगर कोई दासी बादशाह को खुश नहीं कर पाती थी तो उसे उसके सामने दोबारा नहीं लाया जाता था. यहां तक कि उसके पसंद और नापसंद का भी खास ख्याल रखा जाता था.