पहले के समय में शहर में घर या बंगलो बनवाने के लिए उसके स्ट्रक्चर (मानचित्र) की जरूरत पड़ती थी. लेकिन अब ग्रामीण क्षेत्र में भी मकान बनवाने के लिए स्ट्रक्चर की जरूरत पड़ने लगी है. यानी अब से ग्रामीण क्षेत्र में भी घर बनवाने से पहले स्ट्रक्चर पास करवा कर अनुमति लेनी होगी. बिना अनुमति के आप भवन निर्माण का काम शुरू नहीं कर सकते हैं. इसीलिए अब ग्रामीण क्षेत्र में भी घर बनवाने से पहले आपको उसके नक्शे की मंजूरी लेनी होगी. तो आइए जानते है ग्रामीण क्षेत्र में घर बनवाने से पहले किसकी मंजूरी अनिवार्य होगी.
जिला पंचायत प्रशासन से मिलेगी मंजूरी
दरअसल, अब ग्रामीण क्षेत्र में भी घर बनवाने से पहले आपको मानचित्र पास करवाने के लिए जिला पंचायत प्रशासन के पास जाना होगा. यहां से मंजूरी मिलने के बाद ही आप अपना मकान बनवा सकते हैं. हालांकि, के लिए मकान मालिक को उसकी मूल आबादी से 300 वर्ग मीटर हटकर अपना निर्माण कार्य शुरू करवा सकता है. वहीं सरकार की ओर से पंजीकृत आर्कटिक द्वारा डिजायन किए गए मकान के मानचित्र की अनुमति के बाद ही निर्माण कार्य शुरू हो सकता है. जबकि मूल आबादी में गौशाला और आवासी कृषि भवन के निर्माण कार्य के लिए इस तरह का कोई प्रावधान नहीं बनाया गया है.
इतना आएगा खर्च
- पंचायत की ओर से इस मानचित्र को बनाने के लिए आवासीय और व्यावसायिक भवन के लिए अलग-अलग शुल्क तय किया गया है.
- अगर आप आवासीय और शैक्षणिक भवन बनवेट हैं तो उसके लिए ₹25000 वर्ग मीटर शुल्क पंचायत में देना होगा.
- अगर आप व्यवसाय के लिए भवन बनवाने जा रहे हैं तो उसके लिए ₹50000 प्रति वर्ग मीटर पंचायत में जमा करना होगा.
- इसके लिए आपको एस्टीमेट कागज, खतौनी, आधार कार्ड और मानचित्र की एक फोटो कॉपी जिला पंचायत के पास जमा करनी होगी.
शासन के आदेश का करना होगा पालन
मीडिया रिपोर्ट्स की माने तो उत्तर प्रदेश अपर मुख्य अधिकारी नरेंद्र कुमार ने बताया कि, गांव पंचायत में 300 वर्ग मीटर से अधिक में घर बनवाने के लिए मानचित्र पास करवाना होगा. बिना मानचित्र पास कराए हुए किसी भी भवन का निर्माण काम नहीं हो सकता है. अगर सभी मानक पूरे नहीं होते हैं तो आवेदन पत्र भी निरस्त कर दिया जाएगा.