Supreme Court : सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार (1 सितंबर) को अपने फैसले में कहा “अमान्य विवाह में पैदा हुए बच्चों को भी माता-पिता की संपत्ति में हिस्सा पाने का अधिकार है।”इसका अर्थ ये है कि अमान्य विवाह में भी बच्चे हिंदू माता-पिता की संपत्ति पर दावा कर सकते हैं।
क्या है अमान्य विवाह
अमान्य विवाह यानी हिंदू कानून के अनुसार पति पत्नी का दर्जा नहीं मिलता है और इसमें विवाह को रद्द करने के लिए किसी दस्तावेज की जरूरत नहीं पड़ती है और ये एक ऐसा विवाह होता है जो शुरुवात से ही अमान्य हो यानी कभी हुआ ही नहीं हो।अधिनियम 1955 के अनुसार अमान्य विवाह वो विवाह होता है, जिसको कानूनी मान्यता नहीं दी गई हो , जिसमें विवाहितों को पति पत्नी नहीं माना जाता है।
2011 की याचिका पर फैसला
ये फैसला 2011 के एक मामले पर आया है, जिसमें ये सवाल था कि क्या बच्चे हिंदू माता पिता की संपत्ति में हकदार हैं? इस पर फैसला देते हुए कोर्ट ने ये स्पष्ट कर दिया की भले ही माता पिता का विवाह नहीं हुआ हो या अमान्य हो लेकिन फिर भी बच्चे अपने माता पिता की संपत्ति में हक मांग सकते हैं।