डेस्क : लोग अपनी दिनचर्या में बहुत व्यस्त रहते हैं।दिन भर की मेहनत के बाद हर किसी की चाहत होती है कि रात को चैन की नींद आए, ताकि शरीर को आराम मिल सके। लेकिन कई बार ऐसा देखा जाता है कि लोग सोने के बाद मुस्कुराने लगते हैं और मुस्कुराते हुए हंसने लगते हैं।
आमतौर पर लोग सोचते हैं कि ऐसा सपना देखने की वजह से हो रहा है। लेकिन इसके पीछे का कारण जानकर शायद आपके होश उड़ जाएंगे, तो आइए जानते हैं इसके बारे में। ताकि आपको किसी भी गंभीर बीमारी से पीड़ित न होना पड़े।
यूयॉर्क के लैंगोन कॉम्प्रिहेंसिव एपिलेप्सी सेंटर के डॉक्टर एक 32 वर्षीय महिला का इलाज कर रहे हैं जो चार साल से हर रात नींद में जोर-जोर से हंसती है। डेली मेल की रिपोर्ट के मुताबिक, महिला के पति ने बताया कि वह रात को सोने के तुरंत बाद गहरी नींद में चली जाती है।
सबसे पहले वह मुस्कुराती हैं, जो देखकर अच्छा लगता है। लेकिन कुछ देर बाद वह जोर-जोर से हंसने लगती हैं। डॉक्टरों के मुताबिक, नींद के दौरान हंसना या मुस्कुराना एक आम बात है, लेकिन जब यह बढ़ जाए और रोजाना होने लगे तो यह एक गंभीर समस्या है।
जब वह उठी तो उसे घटनाएँ याद नहीं
नींद विशेषज्ञों के मुताबिक जब लोग गहरी नींद में होते हैं तो उस अवस्था को रैंडम आई मूवमेंट (रिम) कहा जाता है। इस अवस्था में अधिकतर लोग स्वप्न देखते हैं। जब भी कोई दिलचस्प सपना आए तो मुस्कुराना सामान्य बात है। लेकिन अगर ऐसा बार-बार हो रहा है तो यह एक संक्रमण है। डॉक्टरों ने महिला के मस्तिष्क का अध्ययन किया, लेकिन कोई निष्कर्ष नहीं निकला।
नींद भी असामान्य नहीं थी। हँसते समय उसका शरीर बिल्कुल भी नहीं हिलता था और जब वह जागती थी तो उसे घटनाएँ याद नहीं रहती थीं। यहां तक कि कभी-कभी वह आंखें खोलकर या बंद करके भी हंसती थी। महिला एंटीडिप्रेसेंट्स या एंटीसाइकोटिक्स जैसी दवाएं भी नहीं ले रही थी, जो हंसी का कारण बनती हैं।
स्लीप बिहेवियर डिसऑर्डर (Sleep Behavior Disorder)
डॉक्टरों ने बताया कि यह एक गंभीर न्यूरो समस्या है, जिसे पैरासोमनिया कहा जाता है। यह एक स्लीप बिहेवियर डिसऑर्डर है। कई लोगों को इसी वजह से नींद में बड़बड़ाने की आदत होती है। वे दिन के दौरान हुई किसी बात के बारे में बात करना शुरू कर देते हैं।
ऐसा मस्तिष्क पर अत्यधिक बोझ पड़ने के कारण होता है। कभी-कभी यह पार्किंसंस रोग या मल्टीपल सिस्टम एट्रोफी जैसी न्यूरोलॉजिकल स्थितियों वाले लोगों में भी देखा जा सकता है। स्लीप मेडिसिन मैगजीन में छपी रिपोर्ट के मुताबिक, डॉक्टर इस नतीजे पर पहुंचे कि अगर किसी को ऐसी समस्या हो तो उसे तुरंत विशेषज्ञ की सलाह लेनी चाहिए। तनाव मुक्त रहें।