Railway knowledge : भारतीय रेलवे को देश की जीवन रेखा कहा जाता है और इससे कोई इनकार भी नहीं कर सकता है भारतीय रेलवे शताब्दी, दुरंतो, एक्सप्रेस जैसे कई ट्रेनों का संचालन करता है। ऐसे में वंदे भारत एक्सप्रेस जैसी सेमी हाई स्पीड ट्रेन और उनकी सुविधाओं के बारे में तो सभी को पता है। इन सब चीजों के मामले में ट्रेनों में काफी अंतर भी है। लेकिन एक बात है जो सभी ट्रेनों में समान है। आपने देखा होगा कि ट्रेन दिन की बजाय रात में ज्यादा तेजी से चलती है।
दिन में आपने ट्रेन में सफर किया है तो देखा होगा कि ट्रेन काफी धीमी गति से चलती है लेकिन रात के समय यह बिल्कुल भी आवाज नहीं करती और सरपट दौड़ती चली जाती है। ऐसे में लोगों के मन में यह सवाल आता है कि दिन में यह धीरे क्यों चलती है और रात में इतनी स्पीड से कैसे चल लेती है? आइये आज बताते हैं आपके इस सवाल का जवाब।
रात के समय ट्रेन तेजी से चलाने के एक नहीं बल्कि कई सारे कारण है। लेकिन इसके पीछे कोई तकनीकी कारण नहीं, जबकि ऐसा भी नहीं है कि रात के समय ट्रेन का इंजन तेजी से काम करता है। लेकिन रेलवे ट्रैक और जानवरों और लोगों की संख्या कम होना और ट्रेन में कम भीड़ होने के कारण लोको पायलट को थोड़ी मदद मिलती है। जिससे वह पूरी गति से ट्रेन चल सकता है। आइये जानते है अन्य कारण….
ट्रैक पर कम आवाजाही
रात में ट्रेन के स्पीड से चलने का पहला कारण है कि रात के समय रेलवे ट्रैक पर कम लोगों का और जानवरों का आना जाना होता है। रात में पटरियों की मरम्मत भी नहीं होती। ट्रैक पूरी तरह से साफ होने के कारण लोको पायलट पूरी गति से ट्रेन चला सकता है।
दूर से सिग्नल दिखना
रात के अंधेरे में ट्रेन चलाने का सबसे बड़ा फायदा यह भी है कि अंधेरे में सिग्नल दूर से ही दिख जाता है।इसलिए लोको पायलट को दूर से ही पता चल जाता है कि ट्रेन रोकनी है या नहीं? इसलिए ट्रेन की स्पीड कम करने की जरूरत नहीं पड़ती।
यात्रियों की कम संख्या
देखा जाए तो दिन के बजाय रात में यात्रियों की संख्या कम होती है। खास तौर से पैसेंजर ट्रेन में रात के वक्त कम यात्री आते है। कम संख्या यानी कम वजन। इसलिए भी रात के समय ट्रेन तेजी से चलती है।