Train : हमने अक्सर देखा है कि जब भी सड़कों पर गाड़ियां बंद हो जाती है तो उन्हें धक्का देखकर शुरू कर दिया जाता है। लेकिन कभी आप लोगों ने सोचा है कि क्या ट्रेन को भी धक्का देकर शुरू किया जा सकता है? इन दिनों सोशल मीडिया पर एक वीडियो काफी तेजी से वायरल हो रहा है जिसमें कुछ लोग ट्रेन को धक्का देते हुए नजर आ रहे हैं।
वीडियो में आप देख सकते हैं कि रेलवे के कुछ कर्मचारी और पुलिस मिलकर ट्रेन को धक्का देते हुए स्टार्ट करने की कोशिश कर रहे हैं। लेकिन वहीं दूसरी और रेलवे कर्मचारियों ने इस बात का पूरी तरह से खुलासा कर दिया है की वीडियो में दिखाई गई चीज सच है या फिर झूठ।
ट्रक, बस और कार धक्के से कैसे स्टार्ट किए जाते हैं
इसलिए हम आपको बताते हैं कि ट्रक, बस और कार को धक्का देकर स्टार्ट क्यों किया जाता है? यह तो हम सभी जानते हैं कि सड़कों पर चलने वाले वाहन क्लच और गियर के जरिए चलाए जाते हैं। बंद हुई गाड़ी को जब लोग धक्का देने लगते हैं तब ड्राइवर अपना पैर क्लच से हटा देते हैं, जिससे गियर इंजन बॉक्स पर एक हल्का सा जोर पड़ता है और धीरे से गाड़ी शुरू हो जाती है।
तो क्या ट्रेन धक्के से स्टार्ट होगी
पहले तो आप लोगों की जानकारी के लिए बता दे कि कभी भी ट्रेन को धक्का देकर स्टार्ट नहीं किया जा सकता है, क्योंकि ट्रेन में ना तो गियर बॉक्स होता है और ना ही क्लच की सुविधा होती है। यानी कि अगर हम धक्का भी लगते हैं तो ट्रेन में क्रैकर्स ऑफर नहीं घूम पाएगा। इस वजह से ट्रेन शुरू नहीं होती। देखा जाए तो अगर बहुत लोग मिलकर ट्रेन को धक्का लगाते भी हैं तो ट्रेन हल्की सी आगे की तरफ जाएगी या फिर पीछे की तरफ जाएगी लेकिन शुरू नहीं होगी।
इमरजेंसी में कैसे स्टार्ट किया जाता है ट्रेन का इंजन
विज्ञान के भाषा में कहा जाए तो सड़कों पर चलने वाले वाहनों में ट्रांसमिशन मैकेनिक होता है। यानी की गियर और क्लच बॉक्स। लेकिन वहीं दूसरी और ट्रेन पूरी तरह से इलेक्ट्रिक ट्रांसमिशन पर संचालित होती है। इसलिए अगर ट्रेन कहीं पर अचानक बंद हो जाए तो उसे धक्का देकर स्टार्ट नहीं किया जा सकता।
फिर वीडियो में धक्का मारते हुए क्यों दिखे लोग
इन दोनों वायरल हो रहे वीडियो पर ध्यान दें तो कुछ लोग हमें ट्रेन को धक्का देते हुए नजर आ रहे हैं। दरअसल यह ट्रेन का नाम फलकनुमा एक्सप्रेस है जिसका नंबर 12703 है। दरअसल 7 जुलाई के दिन इस ट्रेन में अचानक आग लग गई थी जिस वजह से ट्रेन के कर्मचारी और ट्रेन में मौजूद जवानों ने ट्रेन के डिब्बे को अलग करने के लिए ट्रेन को धक्का देना शुरू कर दिया था, ताकि बाकी की ट्रेन में आग ना लगे।