Birbal Death : बचपन से लेकर आज तक किताबों और वीडियो में कहानी के माध्यम से अकबर और बीरबल की कहानी पढ़ने और सुनने को मिलती है. आप यह भी जानते हैं कि जब कभी भी अकबर किसी बड़े मुसीबत में पड़ता था तो वह उस समय सबसे पहले किसी और नहीं बल्कि अपने बेहद खास बीरबल की मदद लेता था. लेकिन क्या आपने पूरी कहानी के दौरान या कभी आपके मन में यह विचार आया कि आखिर बीरबल का असली नाम क्या था? तो आपको बता दे कि बीरबल का नाम महेश दास था.
अकबर दरबार किए थे बड़े सलाहकार
बीरबल को लोग राजा बीरबल के नाम से जानते थे और वह मुगल बादशाह अकबर के दरबार के एक बड़े मंत्री और सलाहकार के रूप में जाने जाते थे लेकिन अगर अब आपसे बात करें कि बीरबल की मौत के पीछे का क्या कारण था तो बहुत से लोग अपनी अलग-अलग प्रतिक्रियाएं देते हैं क्या ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि इनमें से कुछ कहानियां ऐतिहासिक तत्व के आधार पर बनाई गई हैं.
इस किताब में लिखी गई कहानी
ख़ैर शाजी जमा की एक किताब में लिखा है. अकबर और बीरबल को लेकर इस कहानी में बताया गया है कि, बीरबल की मृत्यु 1586 में उत्तर पश्चिम के अफगान सरदारों के खिलाफ अकबर के नेतृत्व में अभियान के दौरान हो गई थी. अकबर की रक्षा करते समय बीरबल ने इस युद्ध में अपने प्राण गवा दिए कहा जाता है कि उनकी लाश तक अकबर को नहीं मिली थी. हालांकि, यही रिकॉर्ड अक्सर पाया जाता है लेकिन फिर भी कुछ लोग अपनी अलग-अलग राय देते हैं.
दूसरी राय में ये बात
वहीं इसके अलावा उल्लेखनीय पाया जाता है कि बीरबल की मृत्यु एक हत्या की साजिश की वजह से हुई थी और उनकी मृत्यु की सटीक परिस्थितियों स्पष्ट भी पाई गई हैं जो विभिन्न कविताएं बीरबल के जीवन के अंत रहस्य से जुड़ी हुई हैं और यही बात बीरबल के लिए और सटीक बन जाती है.