Airplane Direction : हर मौसम में हर किसी को फैमिली के साथ वक्त बिताना पसंद होता है। कई लोग तो वेकेशन पर अपने परिवार के साथ बाहर घूमने भी जाते हैं। आज के दौर में हर कोई गूगल मैप का इस्तेमाल करके कहीं पर भी जा सकता है चाहे फिर वह अकेला ही क्यों ना हो।
हम अक्सर देखते हैं कि हमें कहीं अनजान जगह पर जाना हो तो हम गूगल मैप का इस्तेमाल कर लेते हैं और चले जाते हैं, लेकिन कभी आपने सोचा है कि हवाई जहाज चलाने वाले पायलट किस तरह से अपना रास्ता याद रखते हैं? क्या उनके पास भी कोई गूगल मैप होता है, जिससे उन्हें हर जगह पर आसानी से पहुंचने की मदद मिलती है? आइए हम आपको इस आर्टिकल के जरिए चंद सवालों के जवाब बताते हैं।
हमें कहीं लंबा जाना होता है तो हम हवाई जहाज का इस्तेमाल करते हैं। ताकि वह हमें आसानी से हमारी मंजिल पर पहुंचा सके। लेकिन आप लोगों की जानकारी के लिए बता दे कि हवाई जहाज को भी यह रास्ता बताने के लिए रेडियो और रडार जैसी चीजों का इस्तेमाल करना पड़ता है। इसके अलावा ऐड ट्रैफिक कंट्रोलर भी होता है जो कि रास्ता बताने में मदद करता है। रडार और रेडियो की मदद से पायलट को पता चलता है कि उन्हें अपनी जहाज को किस दिशा में घुमाना है।
इसके अलावा पायलट को सही रास्ता दिखाने के लिए होरिजेंटल सिचुएशन इंडिकेटर भी रास्ता बताने में मदद करता है। पायलट इस इंडिकेटर को देखकर अपना रास्ता आसानी से समझ सकते हैं। इसके अलावा कंप्यूटर के जरिए इन्हें स्थिति और देशांतर अच्छी तरह से नजर आता है। इन सभी इंडिकेटर के कारण ही जहाज आसानी से अपने स्थान पर पहुंच जाता है।
यह तो आप सभी जानते हैं कि हवाई जहाज आसमान में 35000 फीट की ऊंचाई पर उड़ता है, लेकिन देखा जाए तो कुछ जहाज अपने पैसेंजर और जगह को देखकर अपनी ऊंचाई में उतार-चढ़ाव कर सकते हैं। हम अक्सर देखते हैं कि मौसम की खराबी की वजह से या तो जहाज कैंसिल हो जाते हैं या फिर उधर ही जहाज को अपनी ऊंचाई कम करनी पड़ती है, ताकि वह आसानी से लैंड कर सके।
इस फ्यूल का होता है इस्तेमाल
आप में से कई लोगों को पता नहीं होगा कि जहाज में किस फ्यूल का इस्तेमाल किया जाता है? दरअसल यह फ्यूल केरोसिन और कैपथा केरोसिन के मिलावट से बनाया जाता है। आप लोगों की जानकारी के लिए बता दे विमान 380 से लेकर 900 किलोमीटर की रफ्तार से चलाया जाता है।