डेस्क : लहसुन और प्याज की खेती करने वाले किसानों को घाटे का सौदा करना पड़ रहा है। दरअसल लहसुन – प्याज की भाव बढ़ने की वजह, गिरती जा रही है। बता दें कि इस समय लहसुन में सबसे ज्यादा गिरावट देखी गई है। इस वजह से किसानों को लहसुन बेचने पर घाटे का सौदा करना पड़ रहा है। यही कारण है कि मंडियों में लहसुन प्याज कम दिख रहे हैं।
बता दें कि सबसे ज्यादा लहसुन प्याज की खेती करने वाले सीहोर जिले में करीब 12 हेक्टर खेत में लहसुन प्याज उपजाई गई थी। जिसके बाद खेतों से अप्रैल-मई महीने में लहसुन प्याज निकाल ली गई। तब रेट में गिरावट होने के कारण किसानों ने स्टॉक कर अपने गोडाउन और घर में रख लिया था। किसान अब लहसुन – प्याज की कीमतों में उछाल का इंतजार कर रहे हैं जो कि दिन-प्रतिदिन घटती जा रही है।
सोमवार को आष्टा मंडी में लहसुन और प्याज के भाव में अब तक की सबसे ज्यादा गिरावट दर्ज की गई। बाजार में 10 क्विंटल लशुन आया और उसका न्यूनतम भाव 200 रुपये और अधिकतम 500 रुपये प्रति क्विंटल रहा। जहां 35 क्विंटल प्याज आया, वहीं न्यूनतम 100 और अधिकतम 700 रुपये प्रति क्विंटल के भाव पर नीलाम हुआ।
सड़ने के कगार पर प्याज : बता दें कि बरसात में घर और गोडाउन में रखी प्याज सड़ने के कगार पर है। किसान इसे मजदूरों के साथ मिलकर छटाई करने में जुटे हैं। छटाई में भारी मात्रा में सड़ी – गली प्याज निकल रही है। यदि समय पर सड़े हुए प्याज को नहीं छटा गया तो एक खराब प्याज स्टॉक के सभी प्याज को खराब कर देगी। बतादें कि प्याज को बचाने के लिए किसान पंखा और लाइट का इस्तेमाल कर रहे हैं।
बता दें कि प्याज में गिरावट की सबसे बड़ी वजह यह बताया जा रहा है कि इस वर्ष लहसुन प्याज की रिकॉर्ड तोड़ उपज हुई लेकिन लेकिन उस हिसाब से बाजार में मांग नहीं है। इन वजहों से लहसुन प्याज की कीमतों में गिरावट दर्ज की जा रही है। हालांकि आने वाले समय में लहसुन प्याज की कीमतों की क्या स्तिथि रहेगी ये अभी नहीं कहा जा सकता है।