Emergency Fund : प्राइवेट जॉब करने वाले लोगों के पास महीने में एक ही बार सैलरी आती है और वह उसे अपनी जरूरत को पूरी करने में ही खर्च कर देते हैं। लेकिन सैलरी आने कुछ दिन में ही पूरा अकाउंट खाली हो जाता है और बाद में वह क्रेडिट कार्ड पर जिंदगी जीते हैं। ऐसे लोगों को सोचना चाहिए कि हर महीने आपको सैलरी तो मिलती है लेकिन फिर भी आपको क्रेडिट कार्ड की जरूरत क्यों पड़ जाती है?
अगर आप भी ऐसा ही कर रहे हैं तो आपको पहले ही सावधान होने की जरूरत है। अगर आप समय रहते हुए कुछ बचत नहीं कर पा रहे हैं तो आपको आगे चलकर आर्थिक समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।अगर मान लीजिए किसी कारणवश आपकी नौकरी चली जाती है तो आप किस तरह से अपने घर के खर्च उठा पाएंगे?
इमरजेंसी फंड क्यों है जरूरी?
अक्सर प्राइवेट नौकरी वालों को इमरजेंसी फंड (Emergency Fund) बनाकर जरूर रखना चाहिए। इमरजेंसी फंड इसलिए जरूरी होता है कि किसी कारणवश अगर आपकी नौकरी चली जाती है तो वह इमरजेंसी फंड आपके काफी काम आता है। अगर ऐसी स्थिति में आपके पास इमरजेंसी फंड (Emergency Fund) नहीं है तो आपकी हर महीने के खर्चे की समस्या आ जाती है।
ऐसे में सवाल उठता है कि व्यक्ति के पास कितना इमरजेंसी फंड होना चाहिए और इसे कैसे तैयार कर सकते हैं? वित्तीय जानकारी का कहना है की नौकरी शुरू करते ही व्यक्ति को इमरजेंसी फंड बना लेना चाहिए। वित्तीय जानकारों के अनुसार नियम यह है कि व्यक्ति के पास 100 दिन का खर्च चलाने के बराबर इमरजेंसी फंड (Emergency Fund) होना चाहिए। इसके अलावा अगर जॉब में स्थिरता कम है तो आपके पास 6 महीने का फंड होना जरूरी है।
कितना होना चाहिए फंड
अगर कोई व्यक्ति 50,000 रुपये कमाता है तो उसके पास 1.5 लाख का फंड होना चाहिए। अगर किसी की सैलरी 1 लाख रुपये है तो उसके पास 3-5 लाख का फंड होना चाहिए। इसका मतलब है कि आपके पास अपनी सैलरी की 3 गुना राशि आपके इमरजेंसी फंड में होनी चाहिए। इसका इस्तेमाल नौकरी छूट जाने पर, बीमारी में या अन्य किसी इमरजेंसी में इस्तेमाल करना चाहिए।