पटना, 16 दिसम्बर 2019 मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार ने प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर इंटरनेट पर उपलब्ध पोर्न साइट्स एवं अनुचित सामग्री पर प्रतिबंध लगाने की मांग की है। प्रधानमंत्री को भेजे गये पत्र में लिखा गया है कि पिछले कुछ समय से देश के विभिन्न राज्यों में महिलाओं के साथ घटित सामूहिक दुष्कर्म एवं तत्पश्चात जघन्य तरीके से हत्या की घटनाओं ने पूरे देश के जनमानस को उद्वेलित किया है । इस तरह की घटनाएँ प्रायः सभी राज्यों में घटित हो रही हैं जो अत्यंत दुःख एवं चिंता का विषय है।
मुख्यमंत्री ने अपने पत्र में लिखा है कि इंटरनेट पर लोगों की असीमित पहुँच के कारण बड़ी संख्या में बच्चे एवं युवा अश्लील, हिंसक एवं अनुचित सामग्री देख रहे हैं जो अवांछनीय है। इसके प्रभाव के कारण भी कुछ मामलों में ऐसी घटनाएँ घटित होती हैं। कई मामलों में दुष्कर्म की घटनाओं के वीडियो बना कर सोशल मीडिया यथा प्रसारित कर दिए जा रहे हैं। विशेष रूप से बच्चों एवं कम उम्र के कुछ युवाओं के मस्तिष्क को इस तरह की सामग्री गंभीर रूप से प्रभावित करती है ।
कई मामलों में इस तरह की सामग्री का उपयोग ऐसे अपराधों के कारक के रूप में दृष्टिगत हुआ है इसके अतिरिक्त ऐसी सामग्री के दीर्घकालीन उपयोग से कुछ लोगों की मानसिकता नकारात्मक रूप से प्रभावित हो रही है जिससे अनेक सामाजिक समस्याएँ उत्पन्न हो रही हैं तथा महिलाओं के प्रति अपराधों में वृद्धि हो रही है। मुख्यमंत्री ने आगे लिखा है कि यद्यपि इस संबंध में इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी एक्ट 2000 (यथा संशोधित 2008) में कतिपय प्रावधान किये गये हैं परन्तु वे प्रभावी नहीं हो पा रहे हैं।
माननीय उच्चतम न्यायालय द्वारा भी इस संबंध में सरकार को कई दिशा-निर्देश दिये गये हैं। मेरे विचार से अभिव्यक्ति एवं विचारों की स्वतंत्रता के नाम पर इस तरह की अनुचित सामग्री की असीमित उपलब्धता उचित नहीं है तथा महिलाओं एव बच्चों के विरुद्ध हो रहे ऐसे अपराधों के निवारण हेतु प्रभावी कार्रवाई किया जाना नितांत आवश्यक है।
इंटरनेट सेवा प्रदाताओं (Internet Service Providers – ISPS) को भी कड़े निर्देश देने की आवश्यकता है । साथ ही विभिन्न हितधारकों यथा- अभिभावकों, शैक्षिक संस्थानों एवं गैर- सरकारी संगठनों के सहयोग से व्यापक जागरूकता अभियान चलाना भी आवश्यक है।अतः मेरा अनुरोध होगा कि इस गंभीर विषय पर तत्काल विचार करते हुये इंटरनेट पर उपलब्ध ऐसी पोर्न साइट्स (Porn-Sites) तथा अनुचित सामग्री (Inappropriate Content) पर प्रतिबंध लगाने हेतु शीघ्र समुचित कार्रवाई करने की कृपा की जाय। व्हाट्सएप, फेसबुक आदि पर ।