Mala Kaise Japen : हिंदू धर्म में कई सदियों से जप-तप चलता हुआ आ रहा है और ऋषि मुनि सदियों से जप-तप करते हुए चले आ रहे हैं। लेकिन ध्यान लगाते समय और मंत्रों का उच्चारण करते समय माला का होना जरूरी है। अधिकतर माला 108 मनकों की होती है जिनके खत्म होने के बाद ही जप या पूजा पूरा माना जाता है। इसके अलावा वेदों में भी माला जपने के कुछ खास नियम बताए गए है जिनका पालन करना जरूरी होता है।
अगर आप माला जपते समय इन नियमों का पालन नहीं करते है तो आपको माला जपने का फल नहीं मिलता है। इसके साथ ही इन नियमों का पालन ना करने से आपके ऊपर बुरा असर भी पड़ सकता है। ऐसा बताया जाता है कि माला जपने से शुभ फल मिलता है। आइये आज आपको बताते है कि माला जपते समय आपको किन किन बातों का विशेष रूप से ध्यान रखना चाहिए?
माला जपते समय इन बातों का रखें ध्यान
• धर्म शास्त्रों के अनुसार जिस माला से आप जाप करते है उसका एक भी मनका टूटा हुआ नहीं होना चाहिए। अगर आप टूटे मनकों वाली माला से जाप करते हैं तो इसका उल्टा प्रभाव पड़ता है। अगर कोई मनका टूट गया है तो इसे बदलकर ही माला से जाप करना चाहिए।
• इसके अलावा माला में मनकों को सही संख्या होना जरूरी है, जैसे 27, 54 या 108 मनके होने चाहिए। ब्रह्माण्ड में उपस्थित 27 नक्षत्रों के हिसाब से सृष्टि चलती है। ये ग्रह हर समय किसी ना किसी नक्षत्र में मौजूद रहते है जिसका बड़ा प्रभाव हमारे जीवन पर पड़ता है। इसके साथ ही हर नक्षत्र में चार चरण है जिसके हिसाब से हम माला जपते है।
• माला में हर दो मनकों के बीच गांठ होनी चाहिए, जिससे आपको शुभ फल मिलता है।
• इसके साथ ही माला जपते समय इसे छुपाकर रखना चाहिए और ये किसी को दिखनी नहीं चाहिए। इसके अलावा जाप करते समय अनामिका उंगली पर माला को रखकर अंगूठे से मनकों को रोकें और मध्यमा उंगली से इसे चलाएं।
• इसके अलावा इस बात का भी ध्यान रखें कि कभी भी धारण की हुई माला से जाप नहीं करना चाहिए। तो वहीं जाप करने वाली माला को कभी धारण भी नहीं करना चाहिए।