Garuda Puran Niyam : जब भी हम कोई पूजा पाठ या दान-धर्म करते हैं तो उसका फल हमें मिलता है। अक्सर ऐसा देखा जाता है कि तीज-त्योहारों या किसी बड़े पर्व या पूजा अनुष्ठान पर कई लोग दान करते हैं और इसे काफी अच्छा भी माना जाता है। ऐसा करने से हमेशा भगवान का आशीर्वाद मिलता है और घर में सुख समृद्धि बनी रहती है। इसलिए हिंदू धर्म में दान को सबसे महत्वपूर्ण बताया गया है।
लेकिन दान करने को लेकर कुछ नियम भी बताये गए है, जिनका पालन करते है तो हमें इसका पूरा फल मिलता है। इसके लिए समय पर सही चीज का दान करना आवश्यक है। जबकि कुछ लोगों को दान करने से मना भी किया गया है। कुछ ऐसी परिस्थिति होती है जिनमें दान करने के लिए गरुड़ पुराण में मना किया गया है। आइये जानते है कि कब आपको दान नहीं करना चाहिए?
दान करने के नियम
- हिंदू धर्म के गरुड़ पुराण में दान से संबंधित कुछ नियम बताए गए हैं और ऐसा भी बताया गया है कि व्यक्ति को कब दान करना चाहिए और कब उसे दान करने के लिए मना किया गया है।
- गरुड़ पुराण के अनुसार कभी भी गरीब या दरिद्र व्यक्ति को दान नहीं करना चाहिए ऐसा करने से उस दान का फल उसे नहीं मिलता है। ऐसा इंसान जो खुद आर्थिक रूप से कमजोर है उससे कभी भी दान नहीं लेना चाहिए। ये आपको परेशानी में डाल सकता है।
- कभी भी दान धर्म को दिखाकर या दिखावे के रूप में नहीं करना चाहिए। दिखाने के लिए किए गए दान से आपको कभी भी पुण्य फल नहीं मिलता है, इसलिए हिंदू धर्म में गुप्त दान को सर्वश्रेष्ठ बताया गया है। दान के बारे में कहा गया है कि व्यक्ति को इस तरह दान करना चाहिए कि उसके एक हाथ से दूसरे हाथ को भी इस बात का पता ना चले।
- इसके अलावा दान अपनी बचत में से करना चाहिए कभी भी अपने परिवार की जरूरतों को अनदेखा करके दान नहीं करना चाहिए, ऐसे दान का पुण्य फल नहीं मिलता है।
- गरीब और जरूरतमंद लोगों को अन्न, कपड़े, धन और दवाईयों के अलावा शिक्षा सामग्री का दान करनी चाहिए। लेकिन शाम के वक्त आपको नमक और ऐसी ही खट्टी चीजों का दान नहीं करना चाहिए। इसके अलावा किन्नर को कभी भी तेल का दान नहीं करना चाहिए। इससे आपको अशुभ फल मिलता है।