Free Electricity : आज सरकार देश के हर गांव तक बिजली पहुंचाने का दावा कर रही है। वर्तमान समय में बिजली की जरूरत भी बढ़ गई है। इसका मुख्य कारण बिजली के उपकरणों का अत्यधिक उपयोग है। घर में सभी विद्युत उपकरणों को चार्ज करने या फिर से चलाने के लिए बिजली की आवश्यकता होती है।
ऐसे में देश में बिजली की खपत में काफी बढ़ोतरी हुई। लेकिन इन सभी की उपयोगिता से लोगों के खर्चे बढ़ते जा रहे हैं। यह खर्च बिजली बिल का है। लेकिन देश में कई राज्य ऐसे भी हैं जहां बिजली मुफ्त दी जाती है। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि इतना खर्च कौन उठाता है और सरकार मुफ्त बिजली कैसे दे पाती है। तो आइए विस्तार से जानते हैं।
मुफ्त बिजली कैसे प्राप्त करें
दिल्ली में 200 यूनिट बिजली मुफ्त है। इसके तहत अगर किसी घर में महीने में 200 यूनिट से कम बिजली इस्तेमाल होती है तो 100 फीसदी की छूट मिलती है, जबकि 400 यूनिट बिजली इस्तेमाल होने तक 50 फीसदी यानी 800 रुपये तक की छूट मिलती है।
आसान शब्दों में कहें तो दिल्ली सरकार की योजना के तहत कम बिजली इस्तेमाल करने वाले लोगों को लाभ मिलता है। हाल ही में उत्तर प्रदेश सरकार ने भी किसानों के लिए 100 फीसदी बिजली माफी की घोषणा की है।
सरकारें बिलों का करती हैं भुगतान
जिन राज्यों के उपभोक्ताओं को मुफ्त बिजली मिलती है। वहां उनका बिजली बिल राज्य सरकार भरती है। दरअसल, बिजली लेते समय सरकार इसकी कीमत पहले ही चुका देती है या बिजली कंपनियों के साथ भुगतान की राशि को लेकर समझौता हो जाता है। इसके मुताबिक मुफ्त बिजली का इस्तेमाल करने वाले उपभोक्ताओं की बिजली भी राज्य सरकार के कोटे से आती है।
बिजली बिल माफ
ऐसा कई राज्यों में चुनाव के दौरान देखा जा चुका है। राज्य सरकार अपने राज्य के उपभोक्ताओं को बिजली पर छूट देती है। इसमें कई सौ करोड़ से लेकर हजारों करोड़ रुपये तक के बिजली बिल का बोझ सरकारी खजाने पर पड़ता है। मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ के अलावा अन्य राज्यों की सरकारें ऐसा कर चुकी हैं। ये बिल्कुल वैसा ही है जैसे किसानों का कर्ज माफ किया जाता है।