EVM Machine : एक समय में जब वोटिंग होती थी तो मतपेटियों का इस्तेमाल किया जाता था और ऐसे में कई बार हमले किए जाते थे और उन्हें चुराया जाता था। यह सभी हमले राजनीतिक पार्टियों के लिए काम करने वाले असामाजिक तत्व करते थे। लेकिन इसके बाद EVM मशीन के आने से ये सभी हमले बंद हो गए।
लेकिन अब सवाल खड़े हो रहे हैं कि क्या EVM मशीन को भी हैक किया जा सकता है? भारत में चुनाव हारने वाली पार्टियां दावा करती है कि EVM मशीन से छेड़छाड़ हुई है। हाल ही में भारत के 5 राज्यों में चुनाव हुए है। मध्य प्रदेश में भाजपा ने जीत हासिल की है तो वहां कांग्रेस के नेता दिग्विजय सिंह ने दावा किया है कि EVM Machine को हैक किया गया है।
दिग्विजय सिंह ने किया दावा
कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने पोस्ट किया है कि, “चिप वाली किसी भी मशीन को हैक किया जा सकता है। मैंने 2003 से ही ईवीएम द्वारा मतदान का विरोध किया है। क्या हम अपने भारतीय लोकतंत्र को पेशेवर हैकरों द्वारा कंट्रोल करने की अनुमति दे सकते हैं! यह प्रश्न है जिसका सॉल्यूशन सभी राजनीतिक दलों को करना होगा। माननीय ECI और माननीय Supreme Court क्या आप कृपया हमारे भारतीय लोकतंत्र की रक्षा करेंगे?”
क्या है सच?
आपकी जानकारी के लिए बता दें केवल भारत में ही नहीं बल्कि दुनिया के अन्य कई देशों में भी मतदान के लिए EVM का इस्तेमाल होता है। ऐसे में क्या EVM को हैक किया जा सकता है? क्या किए जाने वाले सच होते है या नहीं? आइये बताते है कि EVM कैसे काम करती है और किन देशों में इसके जरिये मतदान होता है? इसके अलावा क्या EVM को कभी हैक किया जा सकता है?
क्या है दावों का सच?
EVM को हैक करने का दावा कई सालों से हारने वाली पार्टियां करती आ रही है। क्या सच में किसी चिप की मदद से EVM Machine को हैक किया जा सकता है? लेकिन साल 2017 में चुनाव आयोग ने सभी राजनीतिक पार्टियों को EVM को हैक करने की खुली चुनौती दी थी।चुनाव आयोग ने कहा था कि कोई भी राजनीतिक पार्टी इलेक्शन कमीशन के दफ्तर पर आकर EVM को हैक करने की कोशिश कर सकती है।
कैसे होती है EVM से वोटिंग?
EVM मशीन में कई तरह के बटन होते हैं और पार्टियों के नाम और चिन्ह लिखे होते हैं। इसके अलावा प्रत्याशी का नाम भी लिखा होता है। अगर मतदाता वोटिंग के लिए एक बटन दबाकर कोई अन्य बटन भी दबाता है तो पहले दबाया गया बटन ही मान्य होता है। वोट डालने की मशीन के पास एक और मशीन रहती है जिसमें आपके द्वारा डाले गए वोट वाली पार्टी का नाम दिखाई देता है।
जल्दी होती है काउंटिंग
बैलेट पेपर से मतों की गिनती करने में कम से कम 40 घंटे का समय लगता है। लेकिन EVM मशीन से कुछ ही घंटो में वोटों की गिनती पूरी हो जाती है।
इन देशों में भी EVM से होती है वोटिंग
बता दें, भारत के अलावा ब्राजील, फिलीपींस, भूटान, नेपाल, नामिबिया, नॉर्वे, कनाडा, वेनेजुएला, रोमानिया और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों में EVM से ही मतदान किया जाता है।