Modi Government : आम जनता के लिए एक बड़ी खुशखबरी सामने आ रही है कि मोदी सरकार ने अब इतने समय से बढ़ रही तेल की कीमतों को कम करने का फैसला कर लिया है। हाल ही में वित्त मंत्रालय द्वारा इस बारे में अधिसूचना जारी कर दी गई है और जानकारी दी गई है कि अब देश में तेलों को उपलब्ध कराने और लगातार बढ़ रही कीमतों को कम करने के लिए यह फैसला लिया गया है। सरकार के फैसले के अनुसार अब रिफाइंड और सूरजमुखी के तेल पर आयात शुल्क को 17.5% से घटाकर 12.5% कर दिया है।
कीमतों पर नियंत्रण करना चाहती है सरकार : आपकी जानकारी के लिए बता दें कि हाल ही में वित्त मंत्रालय की तरफ से बयान जारी कर कहा गया है कि सरकार लगातार बढ़ती खाद्य तेलों की कीमतों पर कंट्रोल करना चाहती है। कच्चे और रिफाइंड सोयाबीन और सूरजमुखी के तेल के बीच आयात शुल्क का अंतर काफी कम है और इस समय सूरजमुखी और रिफाइंड सोयाबीन तेल का आयात शुल्क बढ़ा हुआ है। अब लिए गए निर्णय से आयात शुल्क में कमी होने पर तेल की कीमतों में भी कमी होगी।
कितना लग रहा है अब आयात शुल्क? सामान्य रूप से भारत में कच्चे सोयाबीन और सूरजमुखी तेल का आयात होता है ।लेकिन सरकार ने सूरजमुखी के तेल और रिफाइंड सोयाबीन के आयात शुल्क में कमी की है, जबकि कच्चे सोयाबीन तेल की क़ीमत में कोई बदलाव नहीं किया है। आयात शुल्क में कटौती होने के बाद रिफाइंड खाद्य तेलों का प्रभावी शुल्क 13.7% हो गया है। इसके अलावा सभी प्रमुख कच्चे खाद्य तेलों पर प्रभावी शुल्क 5.5% है। इसमें कमी आने से अब खाद्य तेलों की क़ीमतों में कमी होने की आशंका है इसलिए आयात शुल्क कम किया गए है।
आप लोगों की जानकारी के लिए बता दें कि भारत में खाद्य तेलों की मांग अधिक है और आपूर्ति कम है और इसी अंतर को कम करने के लिए भारत सरकार प्रमुख खाद्य तेलों का आयात करती है। इस तरह आयात करके भारत 60% खाद्य तेल की जरूरतों को पूरा करता है।