न्यूज़ डेस्क: किसी भी राज्य के औद्योगिक विकास प्रगति की राह में एक शुभ संकेत है। ऐसे में बिहार के चार एथनाल कंपनियों महज चार महीने के अंदर प्रगति की ओर बढ़ते हुए 450 करोड़ रुपये इन्वेस्ट किया है। फिलहाल, इन कंपनियों की प्रोडक्शन यूनिट्स पर ट्रायल रन चल रहा है। मालूम हो कि सरकार कि ओर से देश में एथनाल मिश्रित ईधन वाहनों को बढ़ावा दिया जा रहा है। इसके यह फायदे हैं कि एथनाल से चलने वाली वाहनों से प्रदूषण में कमी दिखेगी इसके अलावा पेट्रोल की भी कम खपत होगी।
भोजपुर जिले में सर्वाधिक निवेश : भोजपुर में सर्वाधिक 180 करोड़ रुपये का निवेश किया गया है। बिहार डिस्टिलर्स एंड बॉटलर्स प्राइवेट लिमिटेड ने 200 केएलपीडी की क्षमता वाली एक इकाई तैयार की है। इसी प्रकार गोपालगंज के सिधवालिया स्थित एथनाल इकाई में 133.25 करोड़ रुपये का निवेश किया गया है।
गोपालगंज में भी एथनाल इकाई तैयार : मगध शुगर एंड एनर्जी लिमिटेड ने सिधवलिया, गोपालगंज में 75 केएलपीडी क्षमता की इकाई पूरी की है। इसी प्रकार गोपालगंज के ही सोनसाती ऑर्गेनिक्स ने राजपट्टी गांव में 40 करोड़ रुपये का निवेश कर 97.5 केएलपीडी क्षमता की इकाई तैयार की है। ईस्टर्न इंडिया बायोफ्यूल प्राइवेट लिमिटेड ने 96.76 करोड़ रुपये के निवेश से गणेशपुर, पूर्णिया में 65 केएलपीडी क्षमता इकाई का निर्माण हो गया है।
अन्य कंपनियां भी नहीं है पीछे : आपको बता दें कि इन एथेनॉल कंपनियों के साथ-साथ राज्य में 17 अन्य एथेनॉल इकाइयों ने निर्माण कार्य शुरू कर दिया है। जिनमें पटेल एग्रो इंडस्ट्रीज, नालंदा, भारत ऊर्जा डिस्टिलरीज, मुजफ्फरपुर, अदित्री एग्रोटेक, मधुबनी, मुजफ्फरपुर बायोफ्यूल्स, मुजफ्फरपुर, भारत प्लस एथनाल इंडिया, बक्सर, ब्रजेंद्र कुमार बिल्डर्स, पटना, चंद्रिका पावर, नालंदा, माइक्रोमैक्स बायोफ्यूल्स, मुजफ्फरपुर, वीनस विधान एग्रोटेक मधुबनी व भागलपुर के नाम शामिल है।