न्यूज़ डेस्क : अब वो दिन दिन दूर नहीं जब पानी की किल्लत चरम पर होगी। भविष्य के लिए पानी को बचाना बेहद आवश्यक है। जल की बर्बादी ना के बराबर हो चाहिए। ऐसे में बिहार सरकार जल जीवन हरियाली अभियान चला रही है। इस अभियान से गत दो वर्षों में भूजल की स्थिति में सुधार हुई है।
वहीं सभी राज्य वासियों को पीने योग्य पानी मिले इसके लिए भी एक योजना बनाई जा रही है। इस योजना के तहत ऐसे सभी इलाकों को चुना जाएगा, जहां भूजल की स्थिति बिगड़ती जा रही है। उस क्षेत्र के सरकारी एवं निजी सभी बोरिंग पर प्रतिबंध लगा कर सरकारी जलापूर्ति योजना के तहत पानी मुहैया कराया जाएगा। इस संबंध में लघु जल संसाधन ने एक प्रस्ताव तैयार कर लिया है, इसमें पीएचईडी के अलावा अन्य विभागों की सहभागिता रहेगी। इसके पूरी तरह राजगीर से शुरू होने की संभावना है।
24 घंटे मिलेगा जलापूर्ति योजना से पानी : इस नयी योजना के तहत जिस भी क्षेत्र में क्रिटिकल जोना दिखेगा वहां निजी व सरकारी बोरिंग को बंद कर उस क्षेत्र में सरकारी जलापूर्ति योजना के माध्यम से 24 घंटे वाटर सप्लाइ किया जाएगा, जिससे लोग को शुद्ध पानी का सेवन कर सकें।
गंगा का पानी पहुंचाने के कार्य की समीक्षा : गंगा के जल को राजगीर और नालंदा तक पहुंचाने के लिए राज्य सरकार तेजी से कार्य में कर रही है। इस इसको लेकर समीक्षा हुई तो यह बात रखा गया कि नालंदा और राजगीर के भूजल स्तर को बनाए रखते हुए जलापूर्ति योजना से सभी के आंगन तक शुद्ध पानी की आपूर्ति की जाएगी। जिसके बाद विभागीय अधिकारियों ने कुछ बिंदुओं पर अपनी बात रखी है और इसका दोबारा अध्ययन करने को कहा है, ताकि किसी तरह का कानूनी पेंच न हो।
ऐसे होगी क्रिटिकल जोन कि पहचान
- ऐसे स्थान जहां लगातार जल स्तर में गिरावट दिखे।
- कुएँ जो पहले पर्याप्त हुआ करते थे और जिन पर अतिक्रमण हो चुका है। वहीं, जिस कुएं का जलस्तर काफी गिर गया है।
- जल स्रोत में कमी और जल स्रोत में लगता गिरावट होना।
- इसमें बोरवेल से अत्यधिक पानी निकालना या किसी विशेष
- तरीके से पानी का लगातार दोहन करना शामिल है।