बिहार (Bihar) में रेत खनन (Sand Mining) का मामला हमेशा से चर्चा में रहा है। यहां पर अवैध रूप से बालू खनन Sand Mining)के मामलों को कई कोशिशें के बाद भी काबू में नहीं लाया गया है। बिहार सरकार द्वारा इस तरह की घटनाओं पर रोक लगाने की कोशिश की जा रही है। इसी दिशा में बिहार सरकार के द्वारा एक जरूरी कदम लिया गया है। सरकार ने बालू घाटों की नीलामी करने की घोषणा की है। बालू घाटों की नीलामी की डेट भी तय की जा चुकी है।
होगी ई-नीलामी
बालू घाटों के खनन (Sand Mining) के लिए ई नीलामी की जाएगी। खनन एवं भू-तत्व विभाग के द्वारा 15 जनवरी तक 200 बालू घाटों की नीलामी होने का निर्देश जारी किया गया है। खनन एवं भू-तत्व विभाग के द्वारा जिलों के खनिज विकास पदाधिकारीयों को निर्देश दिए गए हैं कि जीन बालू घाटों की अब तक नीलामी नहीं हुई है, उन घाटों के लिए जिला सर्वेक्षण रिपोर्ट में संशोधन कर सिया से मंजूरी ले ली जाए। इसके बाद नीलामी प्रक्रिया शुरू की जाए। बिना किसी कारण के नीलामी वाले घाटों से खनन न होने पर संबंधित जिले के पदाधिकारीयों पर कार्रवाई की चेतावनी भी जिलों को दे दी गई है।
केवल 75 घाटों से शुरू हुआ खनन
29 जिलों के 267 बालू घाटों के नीलामी का प्रस्ताव स्वीकार किया गया है। मगर अब तक केवल 75 घाटों से ही खनन शुरू हो पाया है। कुछ घाटों का रकबा बड़ा होने की वजह से यहां नीलामी नहीं हुई है और खनन में देरी हो रही है।