रितु करीधाल Chandrayaan 3 की सफलता की मुख्य सूरधार में एक हैं। Chandrayaan 2 मिशन की डायरेक्टर भी रितु करीधाल ही थीं और ये उस समय ही तय हो गया था कि Chandrayaan 3 के समय भी वो ही डायरेक्टर होंगी।
क्यों खास हैं रितु करीधाल?
Chandrayaan 3 की सफलता के बाद हर कोई रितु करीधाल की बात कर रहा है। ये Chandrayaan 3 की टीम का महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। रितु करीधाल Mangalyaan 1 के समय डिप्टी ऑपरेशन डायरेक्टर और Chandrayaan 2 में मिशन डायरेक्टर थीं और इसीलिए उन्हें Chandrayaan 3 की लैंडिंग का जिम्मा सौंपा गया।
रितु करीधाल की शिक्षा और ISRO
रितु करीधाल का जन्म लखनऊ के राजाजी पुरम में हुआ था। उन्होंने अपनी शुरुआती पढ़ाई सेंट एग्निस और फिर कन्या विद्यालय से की। अमीनावाद महाविद्यालय से उन्होंने बीएससी की उसके बाद भौतिक विज्ञान से एमएससी किया और एलयू से भौतिक विज्ञान में पीएचडी की।
1997 में जब रितु ने ISRO ज्वाइन किया था तब उनकी पहली पोस्टिंग युआर राव सैटेलाइट सेंटर में हुई थी। रितु ने ISRO के लिए अपनी पीएचडी को बीच में ही छोड़ दिया था। Chandrayaan 3 की सॉफ्ट लैंडिंग 23 अगस्त शाम अपने निर्धारित समय पर हुई और इस सॉफ्ट लैंडिंग की सारी ज़िम्मेदारी ऋतु करीधाल के कंधों पर ही थी।
रितु करीधाल और Chandrayaan 3
2020 में Chandrayaan 2 के समय ही ये तय हो गया था कि Chandrayaan 3 का को रितु डायरेक्टर के तौर पर संभालेंगी। ISRO ने तभी ये तय कर लिया था। वहीं Chandrayaan 2 की प्रोजेक्ट डायरेक्टर रहीं एम वनीता Chandrayaan 3 के सफल मिशन में डिप्टी डायरेक्टर थीं, जो पैलॉड डेटा मैनेजमेंट को संभाल रहीं थीं। दक्षिण ध्रुव पर Chandrayaan 3 की सॉफ्ट लैंडिंग के बाद से ही सारी दुनिया भारत की तरफ देख रही है।