Gaganyaan Mission: चंद्रयान-3 (Chandrayaan-3) की अपार सफलता के बाद अब आदित्य एल-1(Aditya L-1) की सफलता ने पूरी दुनिया में खलबली मचा दी है. सभी देश इस सफलता को देखकर चौकन्ने हो गए हैं. वहीं अब कहा जा रहा है कि अंतरिक्ष में इस मजबूती को बनाए रखने के लिए भारत ऐसे मिशन पर लगातार काम करता रहेगा.
उधर गगनयान मिशन (Gaganyaan Mission) भी भारत के लिए मिल का पत्थर होने के लिए तैयार है. क्योंकि प्रधानमंत्री ने मंगलवार को वैज्ञानिकों के साथ बैठक कर अंतरिक्ष के इस मिशन को पूरा करने को लेकर चर्चा किया.
2035 तक भारत का अंतरिक्ष पर होगा केंद्र
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को वैज्ञानिकों के साथ बैठक कर कहा 2035 तक भारत को अंतरिक्ष पर केंद्र स्थापित करना है और 2040 तक भारत को चंद्रमा पर भेजना का लक्ष्य भी तैयार कर लिया जाएगा. वहीं चंद्रयान-2 और आदित्य एल 1 के बाद अब भारत का अगला मिशन 21 अक्टूबर को गगनयान मिशन (Gaganyaan Mission) लॉन्च होने वाला है. इस दावे की पुष्टि हम नहीं करते है. क्योंकि ये जानकारी अलग-अलग सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से ली गई है. खैर
बयान में ये भी आया सामने
मीडिया रिपोर्ट्स की माने तो, बैठक में इस बात को लेकर भी कहा गया की 2025 तक इसके प्रत्यक्ष की पुष्टि कर दी जाएगी. प्रधानमंत्री ने इस बैठक के दौरान भारत के अंतरिक्ष प्रयासों के भविष्य को लेकर भी चर्चा की और वैज्ञानिकों को मंगल लैंडर सहित अंतरग्रही मिशन की दिशा में काम करने को लेकर प्रेरित भी किया.
2040 तक भारतीय पहुचेंगे चंद्रमा पर
प्यार में यह भी कहा गया कि चंद्रनयान-3 और आदित्य एल-1 मिशन के बाद अब भारत 2035 तक अंतरिक्ष पर स्टेशन स्थापित करेगा. जिसके बाद 2040 तक चंद्रमा पर सबसे पहले भारतीयों को भेजा जाएगा. वहीं इस बयान में इस बात की भी जानकारी दी गई थी. अगली पीढ़ी के लिए विकास और लॉन्च पैड का निर्माण मानव केंद्रित प्रयोगशाली और संबंधित प्रौद्योगिकियों की स्थापना को जोड़ा जाएगा. इतना ही नहीं गगनयान मिशन की कुछ अवलोकन भी पेश किया गया.
इस मिशन के तहत बनाई गई है योजना
बता दें कि, ह्यूमन रेटेड लॉन्च व्हीकल (HLVM 3) के तीन मानव रहित मिशन लगभग 20 प्रमुख परीक्षणों की योजना पर काम किया जाएगा. प्रधानमंत्री मोदी ने भारत की क्षमताओं और विश्वास को मजबूती देते हुए वैज्ञानिकों को ऊंचाई तक पहुंचाने के लिए प्रेरित किया और उनसे लगातार काम करने के लिए आग्रह किया.