Amarnath Yatra 2023 : इस समय सावन का महीना शुरु हो चुका है और लोग भगवान शिव के ज्योतिर्लिंग के दर्शन के लिए आतुर हो रहे हैं। हर साल की तरह इस साल भी लोग बाबा बर्फानी के दर्शन के लिए बेताब है। बाबा बर्फानी का शिवलिंग श्रीनगर से 135 किलोमीटर दूर और समुद्र तल से 13,600 फीट ऊंचाई पर है।
ऐसी मान्यता है कि जो कोई बाबा बर्फानी के दर्शन करता है उसे मोक्ष की प्राप्ति हो जाती है। यहां पर जाने के लिए पहाड़ की दुर्गम यात्रा और ऑक्सीजन लेवल की कमी होने के कारण बाबा बर्फानी के दर्शन दुर्लभ हो जाते हैं। लेकिन लोगों को पता नहीं है कि पहली बार बाबा बर्फानी के दर्शन किसने किए थे?
इन्होने किए पहली बार दर्शन
हिन्दू धर्म की पौराणिक कथाओं के अनुसार बताया जाता है कि एक समय जब कश्मीर घाटी पूरी तरह पानी में डूब चुकी थी तो उस समय महर्षि कश्यप ने नदियों के द्वारा पानी को बाहर निकाला था। लेकिन जिस समय यह पानी कश्मीर घाटी से बाहर निकल रहा था तो उस समय महर्षि भृगु हिमालय की यात्रा कर रहे थे और वे उसी रास्ते पर जा रहे थे। जब उन्होंने तपस्या करने की सोची तो वे इस गुफा में आ गए और यहाँ ध्यान करने के बाद उन्हें बाबा बर्फानी के दर्शन हुए।
ये है इससे जुड़ी दूसरी कथा
एक अन्य पौराणिक कथा के अनुसार 15 सितंबर में एक संत ने संत बूटा मलिक नाम के चरवाहे को कोयले से भरा थैला दिया था। लेकिन जब वह थैला लेकर घर आया तो उसमे कोयले की जगह सोने के सिक्के भरे हुए थे। लेकिन वह संत का धन्यवाद करने के लिए वहाँ वापस गया तो उसे संत तो नहीं मिले और उसी समय बाबा बर्फानी के दर्शन हुए हैं और इस तरह से अमरनाथ गुफा की खोज मानी जाती हैं।