आज यानी 28 मई 2023 को सेंट्रल विस्ता प्रोजेक्ट के अंतर्गत बनी नई संसद भवन का उद्घाटन होना तय हुआ है लेकिन कार्यक्रम का बहुत सारी विपक्षी पार्टियों ने बहिष्कार किया है आलोचकों का जो भी कहना है उनमें से एक मुद्दा ये है की 28 मई की तारीख वीर सावरकर की जयंती है। ऐसे में संसद भवन का उद्घाटन करने के पीछे इसे राजनीतिक कदम बताया जा रहा है
कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने इसे सभी संस्थापक पिताओं और माताओं का अपमान बताया है। साथ ही इसे नेहरू और गांधी और अंबेडकर जैसे नेताओं को नकारना बताया है।
इसके साथ ही महात्मा गांधी के प्रपौत्र तुषार गांधी ने ट्वीट करके लिखा है कि प्रधानमंत्री 28 मई को वीर सावरकर की जयंती पर उद्घाटन कर रहे हैं उन्हें भवन का नाम सावरकर सदन और सेंट्रल हॉल का नाम माफी सदन रख देना चाहिए।
बता दें कि सावरकर की आलोचना कैद में रहकर ब्रितानी साम्राज्य को माफीनामा लिखने के लिए और महात्मा गांधी की हत्या की साजिश के लिए होती है।