डेस्क : केंद्र और राज्य सरकार की ओर से कई योजनाओं पर काम किया जा रहा है। इसी कड़ी में उत्तर प्रदेश महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा स्पॉन्सरशिप योजना के तहत मिलने वाली धनराशि में बढ़ोतरी की गई है।
यह लाभ सीधे पात्र बच्चों को मिलेगा। इस योजना के तहत मिलने वाली राशि 2000 रुपये से बढ़ाकर 4000 रुपये कर दी गई है। इसके अलावा हर पात्र बच्चे को लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से जागरूकता अभियान भी चलाया जा रहा है। इस योजना का लाभ लेने के इच्छुक आवेदकों को आवश्यक दस्तावेजों के साथ आवेदन करना होगा। आइये इसके बारे में जानें।
ये है पात्रता
पात्रता की बात करें तो 18 वर्ष तक की आयु के वे बच्चे जिनके पिता की मृत्यु हो गई हो या जिनकी मां तलाकशुदा महिला हो, प्रायोजन योजना के अंतर्गत आते हैं। साथ ही, ऐसे बच्चे जिनके माता-पिता या उनमें से कोई भी किसी गंभीर/जानलेवा बीमारी से पीड़ित है। ऐसे गरीब बच्चों को भी योजना का लाभ दिया जाता है।
इसके अलावा कानून का उल्लंघन करने वाले बच्चे जैसे बाल तस्करी, बाल विवाह, बाल वेश्यावृत्ति, बाल श्रम, बाल भिक्षावृत्ति में शामिल बच्चों को भी योजना के लिए पात्र माना गया है। इसके अलावा विकलांग, लापता या घर से भागे हुए बच्चे भी योजना का लाभ उठा सकते हैं।
इसके अलावा माता-पिता या उनमें से कोई एक जेल में है। यदि माता-पिता आर्थिक, शारीरिक या मानसिक रूप से उनकी देखभाल करने में असमर्थ हैं तो भी आप प्रायोजन योजना का लाभ उठा सकते हैं।
इन दस्तावेजों की पड़ेगी जरूरत
अगर आप भी योजना का लाभ लेना चाहते हैं तो ग्रामीण क्षेत्र में परिवार की अधिकतम आय 72 हजार रुपये प्रति वर्ष होनी चाहिए, साथ ही अन्य क्षेत्रों में अधिकतम आय 96 हजार रुपये प्रति वर्ष होनी चाहिए (पुनर्वास प्रायोजन और माता-पिता या परिवार के कानूनी अभिभावक दोनों की मृत्यु के मामले में)। अधिकतम होना जरूरी है. दस्तावेजों की बात करें तो आधार कार्ड, आय प्रमाण पत्र, आयु प्रमाण पत्र, मृत्यु प्रमाण पत्र, शैक्षणिक संस्थान में पंजीकरण का प्रमाण पत्र आदि जैसे प्रमाण पत्र जमा करना आवश्यक है।