Service Tax : अगर कोई व्यक्ति कोई बिजनेस करता है तो इस पर मिलने वाली सेवाओं के लिए उसे टैक्स करना होता है जिसे सर्विस टैक्स कहा जाता है। लेकिन क्या आपको पता है कि लोगों को प्रॉपर्टी टैक्स भी देना होता है?
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि जब कोई इंसान कोई प्रॉपर्टी खरीदता है तो उसे पहले कुछ बातों का विशेष ध्यान रखना होता है। अधिकतर लोगों को पता नहीं होता है कि प्रॉपर्टी खरीदते समय उस पर भी टैक्स देना होता है? लेकिन ये टैक्स कब और कैसे दिया जाता है इसके बारे में हम आपको बताने वाले है।
कब और कैसे व कितना लगता है सर्विस टैक्स
जब भी हम कोई प्रॉपर्टी खरीदते हैं तो यह दो प्रकार की होती है। या तो बनकर तैयार हो चुकी होती है या उसका कंस्ट्रक्शन चल रहा होता है। जब इसे बेचने के लिए पेश किया जाता है तो बिल्डिंग कॉम्प्लेक्स या स्ट्रक्चर के आधार पर शुल्क वसूला जाता है। जब किसी प्रॉपर्टी को तैयार होने के बाद बेचने के लिए पेश किया जाता है तो बिल्डर या फिर रियल एस्टेट डेवलपर बिल्डिंग कॉम्प्लेक्स, सिविल स्ट्रक्चर या किसी हिस्से के आधार पर टैक्स लेता है।
इस प्रॉपर्टी पर नहीं लगता सर्विस टैक्स
इसके अलावा जो प्रॉपर्टी पूरी तरह बनकर तैयार हो चुकी है और अब इसे बेचा जा रहा है तो कोई भी डेवलपर जिस पर आपको प्रॉपर्टी टैक्स देने के लिए नहीं कहेगा। इस प्रॉपर्टी के साथ आपको कोई भी सेवा नहीं मिल रही है। कोई भी प्रॉपर्टी खरीदते समय अधिक टैक्स लगता है इसलिए प्रॉपर्टी खरीदने या बेचने से पहले किसी पेशेवर चार्टर्ड अकाउंटेंट से सलाह जरूर लें।
इन मामलों में मिलती है छूट
दरअसल प्रॉपर्टी पर सर्विस टैक्स की दर 3.75 या 4.50% होती है। प्रॉपर्टी पर सर्विस टैक्स की दर इसके साइज और लेन-देन की कीमत पर निर्भर करती है। इसके अलावा अगर कोई व्यक्ति अपनी खुद की रहने की जगह या घर बेच रहा है तो इस पर सर्विस टैक्स की छूट होती है।