डेस्क : लगातर बढ़ते रहने के बाद खाने के तेल में गिरावट देखने को मिली है। सरसों तेल और सोयाबीन तेल में शनिवार को गिरावट देखने को मिली। हालांकि मूंगफली, सोयाबीन इन्दौर, सीपीओ, पामोलिन और सोयाबीन डिगम तेल की कीमत वैसी की वैसी ही बनी रही।
सूत्रों का कहना है कि मंडियों में सरसों के आवक के कारण तेल -तिलहन की दाम में कमी देखने को मिल रही है। इसकी सबसे अधिक खपत उत्तर भारत के राज्यों में है। वहीं महाराष्ट्र, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश जैसे राज्यों में सूरजमुखी और सोयाबीन के तेल की ख़बर अधिक है। सरकार को देश में तेल -तिलहन उत्पादन पर ध्यान देने की आवश्यकता है।
सूत्रों के अनुसार, खाद्य तेलों के निर्यात के लिए गत्ते यानी कि क्राफ्ट पेपर से बने पैक का ज्यादा इस्तेमाल किया जाता है। बीते एक साल में गत्ते की कीमत दुगुनी हो गई है। इसके कारण अन्य चीज़ों की कीमत भी बढ़ गई है। ऐसे में गत्ते के निर्यात पर सरकार को रोक लगानी चाहिए। खाद्य तेलों के दाम को कम करने के लिए सरकार को अन्य चीजों पर भी ध्यान देना होगा जो इन्हें मंहगा बनाती है। उनके मुताबिक़, यदि इसी तरह निर्यात जारी रहा तो आगे चलकर सभी चीज़ों के दाम और बढ़ेंगे और महंगाई बढ़ेगी। सूत्रों ने बताया कि मांग बढ़ने से बिनौला में गिरावट देखी गई है।
वहीं मामूली कारोबार के बीच मूंगफली तेल तिलहन, सोयाबीन डीगम, सोयाबीन इंदौर, सीपीओ और पेमलिन तेलों के भाव जस के तस रहे। सरसों तेल तिलहन 7500 से 7525 रूपये प्रति क्विंटल, मूंगफली 6425 से 6520 रुपए प्रति क्विंटल, मूंगफली तेल मिल डिलिवरी 14800 रुपए प्रति क्विंटल, मूंगफली सॉल्वेंट रिफाइन तेल 2475 से 2660 रुपए प्रति टन, सरसों तेल दादरी 15225 रुपए प्रति क्विंटल, सरसों पक्की घानी 2245 से 2300 रुपए प्रति टिन, सरसों कच्ची घानी 2445 से 2250 रुपए प्रति टिन, तेल मिल डिलीवरी 17000 से 18500 रुपए प्रति क्विंटल, सोयाबीन तेल मिल डिलिवरी दिल्ली 16400 रुपए प्रति क्विंटल, सोयाबीन तेल मिल डिलिवरी इंदौर 16000 रुपए, सोयाबीन तेल डीगम कांडला 15200 रुपए प्रति क्विंटल, सीपीओ एक्स कांडला 14100 रुपए, बिनौला मिल डिलिवरी 14800 रुपए, पामोलिन आरबीडी, दिल्ली 16100 रुपए, पामोलिन एक्स कांडला 14800 रुपए (बिना जीएसटी के), सोयाबिन दाना 7500 से 7550 रुपए, सोयाबीन लूज 7200 से 7300 रुपए, मक्का खल 4000 रुपए।