Land Registry : अगर कोई अपनी दुकान, प्लॉट या घर फिर जमीन आदि प्रॉपर्टी खरीदने की सोचता है. और उसे खरीदना है तो उसका मालिक बनने के लिए उसे उसकी रजिस्ट्री करवानी होती है. इसीलिए प्रॉपर्टी खरीदने के बाद सबसे बड़ा काम उसकी रजिस्ट्री कराना होता है जो एक कानूनी प्रक्रिया है. ऐसे में प्रॉपर्टी की रजिस्ट्री के लिए उसकी खरीदी गई कीमत का 5 से 7 फ़ीसदी पैसा खर्च करना पड़ता है. लेकिन लोग हमेशा रजिस्ट्री पर पैसा खर्च करने से बचना चाहते हैं.
दरअसल, अगर आपने ₹50 लाख की कोई प्रॉपर्टी खरीदी है तो उसकी रजिस्ट्री में लगभग 3 लाख रुपए खर्च करने पड़ते हैं. लेकिन आज भी कुछ ऐसे तरीके हैं जिसकी मदद से आप रजिस्ट्री पर काफी पैसा आसानी से बचा सकते हैं. तो आज हम इन्हीं में से कुछ ऐसे तरीकों के बारे में बात करने जा रहे हैं.
स्टांप ड्यूटी पर खर्च से बचें
अक्सर देखा जाता है की प्रॉपर्टी की मार्केट वैल्यू कम है लेकिन उसका सर्किल रेट ज्यादा होता है ऐसे में रजिस्ट्री के समय आपको स्टांप काफी देना पड़ जाता है. वहीं अगर मार्केट वैल्यू है तो उसका स्टांप शुल्क भी कम देना होता है ऐसे में आप रजिस्टर या सब रजिस्ट्रार से अपील करके स्टैंप ड्यूटी पर होने वाला खर्च को आसानी से बचा सकते हैं.
लोकल स्टांप एक्ट से बचाए तगड़ा पैसा
जमीन की रजिस्ट्री के अलावा अन्य शुल्क स्टेट के पास भेजा जाता है. कई बार राज्य सरकार की ओर से पंजीकरण शुल्क भी कम कर दिया जाता है. ऐसे में जब उसमें छूट आती है तो उसे समय रजिस्ट्री करवाने से आप आसानी से काफी पैसे की बचत कर सकते हैं. वही उत्तर प्रदेश महाराष्ट्र और पंजाब जैसे कई ऐसे राज्य हैं जहां पर प्रॉपर्टी उपहार देने के लिए स्टांप शुल्क नहीं लिया जाता है.
महिला को बनाएं खरीदार और उठाएं लाभ
अगर आप किसी महिला को संपत्ति की खरीद में शामिल करते हैं तो कई राज्यों में स्टांप शुल्क और पंजीकरण शुल्क पर भारी छूट दिया जाता है. जैसे कि दिल्ली, पंजाब, राजस्थान, उत्तर प्रदेश और हरियाणा जैसे कई राज्य शामिल है. अगर हम दिल्ली की बात करें तो पुरुष के नाम पर प्रॉपर्टी है तो रजिस्ट्री के दौरान उसे कीमत की कुल 6 फ्ट जबकि महिला है तो उसे 4 फ़ीसदी रजिस्ट्रेशन चार्ज देना पड़ता है.