आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की दुनिया काफी रोचक भरी होती है आई के माध्यम से तमाम ऐसी चीजों को आसान किया जा रहा जा सकता है जो तकनीकी माध्यम से कहीं ना कहीं जुड़ी होती है. OpenAI के ChatGPT की पॉपुलैरिटी ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस खूब लोकप्रियता भी दी है. AI टूल्स अब सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर भी खूब इस्तेमाल भी किए जा रहे है. और AI की लोकप्रियता भी खूब है.
वही AI chatbats का उपयोग करके लोग कई तरह के अनोखे काम भी कर रहे हैं.ChatGPT तो वो काम भी चुटकियों में कर देता है, जिसके बारे में पहले सोचा ही नहीं गया था कि मशीन यह काम कर सकती है. लेकिन, सवाल यह उठता है कि आखिर OpenAI हो या Google, वह अपने AI मॉडल्स को आखिर इतना दक्ष कैसे बना रही हैं? आखिर पूरी दुनिया भर का ज्ञान इनमें भरने के लिए कौन सी जादू की छड़ी चला रही हैं कि वे सबकुछ फटाफट से सीख लेते हैं और अपने काम पर लग जाते हैं? अब जाकर इस राज से भी पर्दा भी उठ गया है.
वही The information की एक रिपोर्ट के अनुसार, ChatGPT बनाने वाली कंपनी, OpenAI के बारे में पता चला है कि वह अपने स्पीच-टू-टैक्स्ट लैंग्वेज मॉडल व्हिस्पर को ट्रेनिंग देने के लिए Youtube वीडियो का उपयोग कर रही है. व्हिस्पर के ट्रेनिंग डाटा से भी यह बात पता चली है. वही दूसरी तरफ व्हिस्पर की सहायता से ही कंपनी ने ChatGPT बनाया है. वह कहा यह भी जा रहा है कि Google भी बार्ड को प्रशिक्षित करने के लिए अब Youtube वीडियो का खूब उपयोग भी कर रही है.
META में भी रोल : सोशल मीडिया प्लेटफार्म फेसबुक (Facebook) की पैरेंट कंपनी मेटा (Meta) के AI चीफ यान लेकन भी इस बात की पुष्टि कर चुके हैं कि AI मॉडल को ट्रेनिंग देने में वीडियो काफी अहम योगदान दे सकते हैं. उनका यह कहना है कि वे वीडियो ट्रेनिंग डाटा का उपयोग करते हैं. एक META AI पोस्ट में लेकन ने लिखा है कि एक ज्वाइंट एंबेडिंग प्रिडिक्टिव आर्किटेक्चर दुनिया के बारे में वीडियो देख कर इसे सीख सकता है और इसके बातचीत भी कर सकता है. इस वीडियो के भीतर की घटनाओं की भविष्यवाणी के लिए स्वयं को प्रशिक्षित करके आर्किटेक्चर दुनिया का पदानुक्रमित रिप्रजेंटेशन (Hierarchical Representations) भी अब पैदा कर सकता है