Life Line Express : भारत की स्वास्थ्य व्यवस्था और इंफ्रास्ट्रक्चर अक्सर सवालों के घेरे में रहता है. भारत के दूरदराज के ऐसे कई इलाके हैं जहां अभी भी अस्पताल जैसी बुनियादी सुविधाएं नहीं पहुंची है। अक्सर ऐसे मामले संज्ञान में आते रहते हैं जहां लोग बड़ी ही कठिनाई का सामना करते हुए अपने किसी बीमार परिजन को अस्पताल तक ले जाते हैं कई बार ऐसे मामले आते हैं जिन्हें देखकर हम हतप्रभ रह जाते हैं।
ऐसे इलाकों में चाहे गर्भवती महिलाएं हों,बुजुर्ग हो या कोई भी बीमार व्यक्ति उन्हें इलाज के लिए मुश्किल दौर से गुजरना पड़ता है भारत के दूर-दराज के गांव में अभी भी अस्पताल नहीं है. लेकिन अब एक ऐसा चलता फिरता अस्पताल के बारे में हम आपको बताने जा रहे हैं जिसके बारे में शायद आपने पहले कभी ना सुना हो। जिस ट्रेन की हम बात करने जा रहे हैं उस ट्रेन का नाम है लाइफ लाइन एक्सप्रेस।
जी हां ,लाइफ लाइन एक्सप्रेस ट्रेन साल 1991 से चलाई जा रही है और इसको चलता फिरता अस्पताल भी कह सकते हैं। रेलवे बोर्ड की एक रिपोर्ट के मुताबिक अब तक इस ट्रेन ने 12लाख लोगों का इलाज किया है। अक्सर ही ऐसे मामले संज्ञान में आते रहते हैं जिसमें कहीं कोई बीमार व्यक्ति को ठेले पर ले कर जा रहा है तो कहीं अस्पताल में उसे स्ट्रेचर तक नहीं मिल रहा है,
ऐसे में यह ट्रेन उन लोगों के लिए उपयोगी साबित हो सकती है जिनके पास ना इतना आर्थिक बल है ना ही इतनी शक्ति कि वह बड़े शहर में जाकर और रुक कर वहां पर किसी बड़े अस्पताल में इलाज करवा सकें। यह ट्रेन आपातकाल में लोगों तक मदद पहुंचाने के लिए कारगर है साथ ही में दूरदराज के गांव में भी इसकी पहुंच बनी हुई है। इस ट्रेन की सुविधा की बात करें तो इसमें 7 कोच उपलब्ध है जिसमें बहुत ही अच्छी क्वालिटी की मेडिकल सुविधाएं और स्टाफ मौजूद है, इसका निर्माण कुछ इस तरह से हुआ है कि इसमें आसानी से सर्जरी तक की जा सकती है।
इसके अलावा इसमें दो मॉर्डन ऑपरेशन थियेटर के साथ पांच ऑपरेटिंग टेबल, पेशंट वॉर्ड, मेडिकल सप्लाई सूर और अन्य स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध हैं । इस ट्रेन में ब्लड प्रेशर और शुगर जैसी ओपीडी सेवाओं के अलावा इसमें एपिलेप्सी, दंत चिकित्सा, कैंसर और कई अन्य बीमारियों का इलाज किया जाता है।