Zomato : कंपनियों के प्रचार का जितना प्रसार होगा, उसके फायदे के उतने ही ज्यादा अवसर होंगे। शायद यही कारण है कि आज कल हर जगह पोस्टर फ्लैक्स की भरमार है। शहर का कोना कोना प्रचार से पटा पड़ा है।
हर पोस्टर फ्लैक्स कंपनियों के लुभावने वादों की गवाही दे रहा है। ‘सावधानी हटी दुर्घटना घटी’, एक ऐसा मुहावरा है जो फायदे के लिए किए गए प्रचार को नुकसान में बदलने की गवाही देता है। और कुछ ऐसा ही हुआ Zomato के साथ।
जी हां, वही Zomato जो आपको खाना घर बैठे बैठे उपलब्ध करवाता है। विश्व पर्यावरण दिवस पर Zomato के एक विज्ञापन की वजह से कंपनी की मुश्किलें बढ़ गई है। दरअसल, रिपोर्ट्स के मुताबिक, पर्यावरण दिवस वाली विज्ञापन में दलितों को लेकर आपत्तिजनक संकेत दिखाने पर राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग ने फूड एग्रीगेटर कंपनी को नोटिस जारी किया है। NSC ने दिल्ली पुलिस और यूट्यूब से भी रिपोर्ट मांगी है। हालांकि, Zomato ने विज्ञापन हटा लिया है और अपनी गलती के लिए माफी भी मांग ली है।
क्या था विज्ञापन में? Zomato ने 5 जून, पर्यावरण दिवस के मौके पर एक विज्ञापन जारी किया। उस प्रचार में फिल्म लगान में कचरा नामक एक दलित व्यक्ति का किरदार निभाने वाले अभिनेता आदित्य लखिया को री साइकिल कचरे से बनी वस्तुओं के रूप में दिखाया गया है। कचरे और कचरा के चरित्र के बीच एक समानता दिखाई गई थी।
इसी विज्ञापन पर राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग ने Zomato से स्पष्टीकरण मांगा है। आपको बता दें कि विज्ञापन के जातिवादी होने पर कंपनी को काफी आलोचना झेलनी पड़ी थी। उसके बाद कंपनी ने विज्ञापन हटा लिया था। Zomato ने अपने अधिकारिक ट्विटर हैंडल से माफी भी मांगी थी। कंपनी ने कहा था कि उनका इरादा किसी को ठेस पहुंचाने की नहीं थी।