डेस्क : मंडी में खाने के तेल तिलहन के दामों में मामूली उछाल देखने को मिला। इसका असर सरसों, मूंगफली तेल-तिलहन, सोयाबीन तिलहन पर पड़ा है। वहीं, अनाज मंडी में अरहर 100 रुपये और मूंग दाल के कीमतों में प्रति क्विंटल 300 रुपये की की गिरावट दर्ज की कई। इसके साथ अरहर दाल 200 रुपये, मूंग दाल 100 रुपये और मूंग मोगर 100 रुपये प्रति क्विंटल की दर कम कीमत में बिकी है।
जानकारों के मुताबिक, सस्ते होने के कारण सरसों, मूंगफली के तेल की मांग बढ़ रही है, जिससे इनकी कीमतें तेजी से बंद हुई हैं, लेकिन जिस रफ्तार से रिफाइंड सरसों बन रही है और बाकी आयातित महंगे तेल में मिलावट (मिश्रण) की जा रही है। इसे देखते हुए आगे चलकर सरसों का संकट गहराने की पूरी संभावना है और अगली फसल आने में करीब नौ महीने की देरी को देखते हुए सरकार को बरसात के दिनों में भीषण संकट की स्थिति का सामना करना पड़ सकता है।
सरसों और मूंगफली तिलहन में सुधार का कारण यह भी है कि किसान कम कीमतों पर बेचने को तैयार नहीं हैं और इसलिए मंडियों में कम माल ला रहे हैं। सस्ते सरसों के रिफाइंड तेल के कारण सोयाबीन तेल की कीमतों में गिरावट आई, जबकि सोयाबीन के डेड केक (डीओसी) की मांग बढ़ने से सोयाबीन अनाज और ढीली (तिलहन) कीमतों में मामूली वृद्धि हुई। सोयाबीन इंदौर तेल की कीमत पिछले स्तर पर बनी रही। बिनौला का ज्यादा कारोबार नहीं होता, क्योंकि बाजार में नई फसल की खपत लगभग हो जाती है। बिनौला तेल की कीमतों में गिरावट आई, जबकि सीपीओ और पामोलिन की कीमतें अपरिवर्तित रहीं।