Bihar Politics : अगले 5 सालों में बिहार सरकार अपने प्रदेश के गरीब परिवार पर ढाई लाख करोड रुपए खर्च करने की योजना बना रही है. जिसमें से 94 लाख परिवारों को दो लाख रुपए और आवास के लिए 40,000 रुपए से अधिक देने की योजना पर विचार कर रही है.
आज के समय में बिहार में 2 करोड़ 76 लाख परिवार का बसेरा है. जिसमें से लगभग 60% लोगों के पास अपना पक्का मकान है जबकि 39 लाख ऐसे परिवार है जिनके पास अभी भी झोपड़ी है. वहीं 63 हजार 850 परिवार है जो आवासहीन हैं.
दरअसल, प्रदेश के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मंगलवार को विधानमंडल की बैठक में इस योजना को लेकर घोषणा की है. इस बैठक में उन्होंने फैसला लिया की आने वाले अगले साल में 50-50 करोड़ रुपए हर साल खर्च किया जाएगा. इसके अलावा उन्होंने आगे कहा कि हम इस योजना को लेकर केंद्र सरकार से मदद मांग रहे हैं अगर वहां से मदद मिलती है तो बिहार के इस योजना को हम 2 से ढाई साल में पूरा कर सकते हैं.
सरकार का काम दिख रहा लोगों को
वहीं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आगे कहा कि, प्रदेश में पहली बार जाति आधारित गणना को आर्थिक सामाजिक और शैक्षिक स्थिति में देखा गया है. इसमें हर एक इलाके से हर एक जाति को लेकर जानकारी जोड़ी गई है. इस जाति आधारित गणना की रिपोर्ट आने के बाद यह बात टोटे हो गया है कि, सरकार के हर एक काम का सकारात्मक प्रभाव लोगों पर पड़ रहा है.
खासकर महिला वर्ग के लिए जो प्रयास रहा वह काफी हद तक सफल रहा है. क्योंकि साल 2011 में यह 61.8 प्रतिशत था. लेकिन आज के समय में या बढ़कर 69.70 प्रतिशत तक पहुंच गया है. जबकि महिला साक्षरता 51.5 पैसा था और आज के समय में 73.91% तक दर्ज किया गया है.
1990 से हम कर रहे हैं काम
बता दें कि, मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि 1990 से हम किस दिशा में लगातार काम करते हुए आगे बढ़ रहे हैं. इसके अलावा इस मुद्दे को लेकर पूर्व राष्ट्रपति ज्ञानी जैल सिंह ने भी लगातार 1 घंटे तक चर्चा की. कुछ समय बाद तत्कालीन वित्त मंत्री मधु दंडवत से भी उन्होंने चर्चा की और इस पर कैबिनेट में बैठे सभी लोगों ने अपनी सहमति भी व्यक्त की है. इसके बाद से लगातार प्रदेश में इस तरह के काम को बढ़ावा देते हुए इस अभियान को हमने रुकने नहीं दिया है और आज भी यह कायम है.