Munger Bridge : भारत में बिहार ही एक अनोखा राज्य है, जहां बड़े-बड़े पुल और ब्रिज गिरने में एक महा रिकॉर्ड हासिल कर लिया है। यह बात सुनने में भले ही आपको अजीब लग रहा होगा। लेकिन यही हकीकत है। बीते 2 सालों से बिहार के अलग-अलग क्षेत्रों से पुल गिरने का मामला सुर्खियों में है. अभी हाल ही में एक और ताजा मामला किशनगंज से आया है, जहां एक और पुल का पाया पानी में धंस गया।
20 टन वाले वाहन पर रोक
ऐसे में अब सरकार सतर्क होती दिख रही है। आपको बता दें कि श्री कृष्ण सेतु यानी मुंगेर पुल (Munger Bridge) को लेकर एक नया आदेश जारी हुआ है। जिसमे 20 टन से अधिक भारी वाले वाहनों पर रोक लगा दिया गया है। प्रशासनिक आदेश के बाद NHAI ने सड़क पर लोहे का बैरियर लगा दिया है। जिसकी ऊंचाई 3.56 मीटर रखी गयी है।
अधिकारियों ने पत्र लिखकर चेताया था
जानकारी के मुताबिक, पूर्व मध्य रेलवे (ECR) मुख्यालय द्वारा लगातार NHAI और बिहार सरकार एवं मुंगेर प्रशासन को पत्र भेजकर यह अनुरोध किया जा रहा था कि मुंगेर सड़क पुल (श्री कृष्ण सेतु ) से 20 टन से अधिक भार वाले बड़े वाहनों का परिचालन हो रहा है। इसके कारण रेल पुल की सुरक्षा खतरे में है। अगर, 20 टन से अधिक भार वाले बड़े वाहनों के परिचालन पर रोक नहीं लगी तो रेल पुल क्षतिग्रस्त हो जाएगा, और ट्रेनों का परिचालन ठप हो जायेगा।
यहां लगाया गया लोहे का बैरियर
इसी बात को लेकर NHAI द्वारा मुंगेर गंगा पुल के एप्रोच पथ पर लाल दरवाजा पुलिस पिकेट के समीप लोहे का बैरियर लगाया गया। प्रशासन की मौजूदगी में लोहे का मोटा पिलर लगाया गया और ऊपर से लोहे का गार्टर देकर उसे वेल्डिंग कर आपस में जोड़ दिया गया। बता दे की पुल के दोनों ओर लोहे का बैरियर यह लगाया गया है, ताकि इस होकर 20 टन से अधिक भार क्षमता वाले बड़े वाहनों का परिचालन नहीं हो।
क्या कहते हैं अधिकारी
NHAI मुंगेर सर्किल के प्रोजेक्ट डायरेक्टर प्रमोद ने बताया कि रेलवे द्वारा लगातार प्रशासन से इस पुल से 20 टन से अधिक भार क्षमता वाले वाहनों के परिचालन पर रोक लगाने के लिए पत्र भेजा जा रहा था। जिला प्रशासन के निर्देश पर पुलिस प्रशासन की मौजूदगी में पुल के दोनों ओर लोहे के गाटर देकर बैरियर लगाया गया है, ताकि इस होकर 20 टन से अधिक भार क्षमता वाले वाहनों का परिचालन नहीं हो सके।
असामाजिक तत्वों ने तोड़ दिया हाइट गेज
गंगा नदी पर बना सड़क सह रेल पुल श्रीकृष्ण सेतु के ऊपरी भाग से भारी वाहनों के आवागमन होने के कारण NHAI ने तत्काल 20 टन से अधिक भार वाले वाहनों पर रोक लगा दिया था। इसको लेकर रोजाना बालू एवं पत्थर लदे 40 से 50 टन वाले वाहन चालकों को परिचालन में परेशानी होने लगी। बस होना क्या था.. बालू एवं गिट्टी माफियाओं में हड़कंप मच गया। ऐसे में असामाजिक तत्वों के लोगों ने लगे हाइट गेज को हटा दिया। अब धड़ल्ले से भारी वाहनों का आवागमन शुरू हो गया है। इससे पुल पर पुनः दबाव बढ़ने लगा है।