सड़क सुरक्षा को लेकर केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) ने बड़ा बयान दिया है जिसमें उन्होंने बताया है कि भारत को 2024 से पहले सड़क दुर्घटनाओं को 50 प्रतिशत तक कम करने का लक्ष्य पूरा नहीं हो सकेगा। उन्होंने कहा कि यह इसलिए हो रहा है क्योंकि सरकार और अन्य लोगों द्वारा सड़क सुरक्षा मानकों से समझौता किया जा रहा है। नितिन गडकरी ने बताया कि डीपीआर (Design, Planning, and Road Safety) तैयार करते समय सड़क सुरक्षा मानकों से समझौता किया जाता है और सड़क परियोजनाओं में आवश्यक पुलों के नीचे जानबूझकर फ्लाईओवर के निर्माण के लिए प्रावधान नहीं किया जाता है। इसके कारण दुर्घटनाओं की संभावना बढ़ती है।
उन्होंने बताया कि लोग अगर लेन अनुशासन में देश की सड़कों पर चलने लगें, तो 50 प्रतिशत रोड एक्सीडेंट को कम किया जा सकता है। उन्होंने इसके लिए पांच महत्वपूर्ण ई-इंजीनियरिंग, आपातकाल, इंजीनियरिंग, शिक्षा, और प्रवर्तन पर जोर देने की बात कही है। इन कदमों से सड़क सुरक्षा में सुधार हो सकता है। नितिन गडकरी ने सिविल इंजीनियरिंग के बारे में बात करते हुए कहा कि हमें इस विभाग में सुधार की आवश्यकता है।
उन्होंने बताया कि वह नौ सालों से इस क्षेत्र में काम कर रहे हैं और अब उन्हें समझ में आ रहा है कि सड़क दुर्घटनाओं को कम करने के लिए हमें क्या करना चाहिए। गडकरी ने बताया कि भारत में हर साल पांच लाख सड़क दुर्घटनाएं होती हैं, जिसमें दो लाख मौतें होती हैं। इन हादसों में तीन लाख लोगों के पैर और हाथ टूट जाते हैं। उन्होंने बताया कि इन सड़क दुर्घटनाओं में जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) का तीन प्रतिशत का नुकसान होता है। आगे उन्होंने कहा कि हमें सड़क सुरक्षा को मजबूत करने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली तकनीकों में सुधार करना चाहिए। उन्होंने इंजीनियरिंग में नए और उआधुनिक तकनीकों का उपयोग करने की बात कही है।