Bharat NCAP Launched : आज तक भारत में बनी गाड़ियों को सेफ्टी रेटिंग्स देने के लिए उन्हें विदेश में भेजा जाता था जिसके आधार पर उन्हें चाइल्ड और एडल्ट सेफ्टी रेटिंग दी जाती थी। लेकिन अब भारत खुद ही अपनी गाड़ियों को एडल्ट और चाइल्ड सेफ्टी रेटिंग देगा।
आपकी जानकारी के लिए बता दे कि अब भारत खुद NCAP की मदद से अपनी गाड़ियों को सेफ्टी रेटिंग देने की प्रक्रिया शुरू करेगा। NCAP द्वारा दी गई सेफ्टी रेटिंग से यह पता चल सकेगा कि कौन सी गाड़ी बच्चों और बड़ों के लिए किस हालात तक सुरक्षित है और उनके सुरक्षा की जिम्मेदारी लेती है?
हाल ही में सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) ने लंबे समय से इंतजार किए जा रहे भारत न्यू कार असेसमेंट प्रोग्राम (Bharat NCAP) की लॉन्चिंग कर दी है। देश में अब NCAP की लॉन्चिंग होने से भारत में ही गाड़ियों की सेफ्टी की जांच की जा सकेगी और उन्हें रेटिंग दी जा सकेगी और अधिक सुरक्षा रेटिंग वाली गाड़ियां भी तैयार की जा सकेगी।
इस प्रोग्राम को अक्टूबर 2023 तक देश के सभी हिस्सों में शुरू कर दिया जाएगा। कार क्रैश टेस्ट करने वाला अब भारत पांचवा देश बन गया है जबकि इससे पहले अमेरिका, चीन, जापान और साउथ कोरिया का नाम शामिल है। अब NCAP के लॉन्च होने के बाद ग्राहक भारत में बन रही गाड़ियों में से अपनी पसंदीदा गाड़ी चुन सकेंगे।
इसके साथ ही अब 3500 किलोग्राम तक की गाड़ियों के सुरक्षा मानकों के बारे में जागरूकता बढ़ाने में भी हमें सहायता मिल जाएगी। अब भारत में NCAP की लॉन्चिंग के बाद दुनिया के हर कोने में मेक इन इंडिया गाड़ियों की धूम पहले से ज्यादा देखने को मिलने लगेगी। जिससे अब भारत से अधिक गाड़ियां एक्सपोर्ट होने में मदद मिलेगी।
इसके साथ ही देश में होने वाली सड़क दुर्घटनाओं और उनके नुकसान से भी बचने में हमें मदद मिल जाएगी। हालांकि सरकार द्वारा उठाये गए इस महत्वपूर्ण कदम को कई कार निर्माता कंपनियां जैसे Maruti, Hyundai, Mahindra, Tata और Toyota घरेलू ऑटो मार्केट और इंडस्ट्री को सही दिशा में ले जाने वाला कदम बता चुकी है।
अब भारत में ऑटोमोबाइल कंपनियों और ऑटोमोटिव इंडस्ट्री स्टैंडर्स (AIS) 197 के तहत भारत में लॉन्च हुए NCAP के तहत गाड़ियों को सेफ्टी स्कोर प्राप्त करने के लिए टेस्ट भी कर सकेगी। इसके अलावा NCAP देश के किसी भी शोरूम से गाड़ी को लाकर उसके सेफ्टी फीचर को चेक कर सकती है। ताकि पूरी सुरक्षा को ध्यान में रखा जा सके। इसके बाद ही NCAP द्वारा गाड़ियों को एडल्ट और चाइल्ड सेफ्टी रेटिंग दी जाएगी।