Special FD & Normal FD : फिक्स्ड डिपॉजिट (Fixed Deposit) यानि कि एफडी (FD). यहां पर पैसे जमा करना लोग सुरक्षित समझते हैं। वह सारे लोग एफडी (FD) में पैसा इन्वेस्ट करना चाहते हैं जिनको रिस्क लेना अच्छा नहीं लगता। भारत में एक बड़ा तबका है जो फिक्स डिपाजिट (Fixed Deposit) के जरिए निवेश करना पसंद करता है।
लेकिन क्या आपको पता है कि FD भी अलग अलग प्रकार के होते हैं? अगर आप निवेश करते होंगे या करना चाहते हैं तो स्पेशल फिक्स डिपाजिट (Special Fixed deposit) और नॉर्मल फिक्स डिपाजिट (Normal Fixed deposit) का नाम जरूर सुने होंगे। तो आइए जानते हैं आखिर दोनों में क्या अंतर है और किस एफडी (FD) में आप इन्वेस्ट करेंगे तो आपको ज्यादा पैसा रिटर्न मिलेगा।
पहले जान लीजिए फिक्स डिपाजिट (fixed deposit) क्या होता है? जैसा कि नाम से ही पता चल रहा है फिक्स डिपाजिट (fixed deposit) मतलब की एक निश्चित समय के लिए आपका पैसा बैंकों में जमा रहता है। बैंक उस पैसे पर आपको ब्याज देती है। यह एक निश्चित समय के लिए होता है। लेकिन अगर बीच में आप किसी कारणवश अपना एफडी (FD) तोड़ते हैं तो फिर आपको जुर्माना देना होता है।
स्पेशल एफडी (Special FD) कई प्रकार से नॉर्मल एफडी (Normal FD) से अलग होता है। जैसे की स्पेशल एफडी (FD) आप जब चाहे तब नहीं खोल सकते हैं। उसके खोलने की एक निश्चित अवधि रहती है। हर बैंक द्वारा अलग-अलग स्पेशल एफडी का अलग-अलग समय सीमा तय होता है।
इस एफडी में आपको ज्यादा रिटर्न दिया जाता है। मतलब की फिक्स डिपाजिट (Fixed deposit) का ब्याज नॉर्मल एफडी से ज्यादा होता है। इसमें न्यूनतम राशि से लेकर लंबी अवधि तक के कई ऐसे नियम है जो नॉर्मल अवधि डिपॉजिट्स के बिल्कुल उलट है।
यही कारण है कि आए दिन लोगों का रुझान स्पेशल फिक्स डिपाजिट (Special Fixed Deposit) की तरफ ज्यादा बढ़ रहा है क्योंकि यह तय समय सीमा में और नॉर्मल फिक्स डिपॉजिट (normal fixed deposit) के मुकाबले ज्यादा रिटर्न देती है।