Monsoon : बरसो रे मेघा मेघा! यह लफ्ज़ किसी गीत के है। उम्मीद है आप इस गीत को सुने होंगे। अगर नहीं सुने हैं तो इस वक्त आपके मन में यही चल रहा होगा। लेकिन बारिश तो जैसे रूठ गई है। जी हां, बिहार में मॉनसून 25 जून तक थी। लेकिन बारिश का नामो निशान नहीं।
हां बादल छाए हुए थे लेकिन बारिश की आश जगा बादल भी धोखा दे दिया। बिहार में मानसून 12 जून को प्रवेश कर गया था। मानसून प्रवेश करने के बाद राज्य के अलग-अलग क्षेत्रों में के अलग-अलग क्षेत्रों में हल्की फुल्की बारिश हुई उम्मीद से काफी कम।
अगर आंकड़ों की बात करें तो 16 से 22 जून तक सामान्य से 81 प्रतिशत कम बारिश दर्ज की गई वही बिहार के राजधानी पटना की बात करें तो वहां सामान्य से 74% ईश्वर बरसात कम करें। हालांकि, मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि 28 जून के बाद राज्य में बारिश हो सकती है। बंगाल की खाड़ी में भारी दवाब के कारण 28 जून तक बिहार में बारिश की संभावना कम है। हालांकि, इसके बाद बारिश के आसार बन रहे हैं।
वर्तमान में अभी अद्रा नक्षत्र चल रहा है। खेती के लिए यह नक्षत्र काफी लाभदायक होता है। लेकिन बारिश नहीं होने के कारण किसान न धान की रोपनी कर पा रहे हैं और न कुछ। ऐसे में किसानों को वैकल्पिक फसलों पर निर्भर रहना पड़ सकता है।