World EV day 2023 : भारत सरकारी इलेक्ट्रिक व्हीकल को बढ़ावा देने के लिए लगातार प्रयास कर रही हैं. यहीं वजह है कि आज देश में इलेक्ट्रिक गाड़ियों की डिमांड काफी तेज हो गई है. ऐसे में कई कंपनियों के एक से बढ़कर एक कार मॉडल भी मार्केट में तहलका मचा रहे हैं.
लेकिन सरकार की ओर से लोगों को इलेक्ट्रिक गाड़ी खरीदने के लिए फेम-2 सब्सिडी के अलावा व्हीकल के लिए इलेक्ट्रिक हाईवे बनाने की दिशा में तेजी से कम किया जा रहा है. जाहिर सी बात है अगर इलेक्ट्रिक हाईवे (Electric Highway) बन जाएंगे तो इलेक्ट्रिक गाड़ियों से चलने वाले लोगों को रेंज चिंता नहीं की जरूरत नहीं होगी. तो आइए आज हम जानते हैं कि इलेक्ट्रिक हाईवे से क्या कुछ फायदा मिल सकता है?
मुंबई से दिल्ली के बीच बनेगा पहला इलेक्ट्रिक हाईवे
दरअसल, पिछले साल जुलाई में ही परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने एक नई घोषणा करते हुए कहा था कि, सरकार दिल्ली से मुंबई के बीच में एक इलेक्ट्रिक हाईवे बनाने की योजना पर कम कर रही है. साथ ही उन्होंने भारी वाहन मालिक को से एथेनॉल, ग्रीन हाइड्रोजन और मेथेनॉल का इस्तेमाल शुरू करने का भी आग्रह किया था.
स्वीडन के तर्ज पर बनाया जाएगा इलेक्ट्रिक हाईवे
नितिन गडकरी ने हाइवे के बारे में जानकारी देते हुए कहा था कि, 1300 किलोमीटर लंबी दिल्ली मुंबई एक्सप्रेसवे पर एक अलग से इलेक्ट्रिक हाईवे (Electric Highway) लाइन बनाने की तैयारी हो रही है. जहां ट्रक और बस और इलेक्ट्रिक गाड़ियां 120 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ेंगे. बता दे कि, गडकरी ने 2016 में है कहा था कि भारत में स्वीडन की तरह हम हाईवे बनाएंगे.
Electric Highway से क्या होगा फायदा?
अब बहुत सारे लोगों के मन में सवाल उठ रहा होगा कि इस इलेक्ट्रिक हाईवे से क्या फायदा होने वाला है. तो बता दे कि, इस इलेक्ट्रिक हाईवे (Electric Highway) को पूरा इको फ्रेंडली बनाया जाएगा. क्योंकि इलेक्ट्रिक गाड़ियां डीजल पेट्रोल से चलने वाली गाड़ियों की तुलना में पर्यावरण को सुरक्षित रखने में काफी हद तक मदद करती हैं.
सबसे महत्वपूर्ण बात है कि वाहनों से आवागमन पर होने वाला खर्च काफी कम हो जाएगा. वहीं अगर एक रिपोर्ट की माने तो, इस हाइवे से लॉजिस्टिक कास्ट में 70 फ़ीसदी की गिरावट आएगी. यानी कुल मिलाकर अगर ट्रांसपोर्ट की लागत में कमी आती है तो भारत में भी बिकने वाली चीजों की कीमतों में काफी हद तक गिरावट आ सकती है.