Challan : हमारे देश में सड़क सुरक्षा के नियमों का मुद्दा बेहद जरूरी है, क्योंकि हर साल भारत में करीब 1.5 लाख लोग सड़क दुर्घटना के कारण मर जाते है। ऐसे में दुर्घटनाओं के कारण बहुत के आंकड़ों को कम करने के लिए कई सारे कदम उठाए जा रहे हैं।
इनमें यातायात से जुड़े कई कड़े नियम भी बनाए गए हैं। इसी तरह भारत में जूबेनाइल ड्राइविंग के लिए भी सख्त कानून बनाए गए हैं। ऐसे में जिनकी उम्र 18 साल से कम है उन्हें कार, बाइक या स्कूटर चलाने की इजाजत नहीं है। अगर 18 साल से कम उम्र के बच्चे कोई भी वाहन चलाते हुए पकड़े जाते हैं तो इन पर जुर्माना लगाया जाएगा। इसके अलावा बच्चों पर नहीं बल्कि उनके माता-पिता पर भी जुर्माने के साथ जेल जाने के नियम बनाए गए हैं।
क्या है नियम
ट्रैफिक नियमों के अनुसार अगर कोई नाबालिक वाहन चलाते हुए पकड़ा जाता है तो उसके अभिभावक या माता-पिता पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी। ऐसे नियमों का उल्लंघन करने पर ₹25000 जुर्माना और 3 साल की जेल का प्रावधान है।
इसके साथ ही 1 साल के लिए वाहन का रजिस्ट्रेशन भी रद्द कर दिया जाएगा। ऐसे में जो व्यक्ति 18 साल की उम्र में ड्राइविंग लाइसेंस बन सकता है। लेकिन कम उम्र में ट्रैफिक नियम का उल्लंघन करते समय पकड़े जाने पर वह 25 साल की उम्र तक लाइसेंस नहीं बनवा सकता है।
ये नियम क्यों है जरूरी
ऐसे में जो लोग कम उम्र के होकर वाहन चलाते हैं उनसे ड्राइविंग करते समय गलतियां होने भी ज्यादा संभावना है। उनके पास वाहन चलाने की समझ नहीं होती है और ट्रैफिक नियमों के बारे में भी वह अनजान होते हैं इसलिए दुर्घटना के चांस ज्यादा बढ़ जाते हैं। ऐसे में कोई बार ड्राइविंग के समय नाबालिक लापरवाह हो जाते हैं और ट्रैफिक नियमों का पालन नहीं करते हैं। इसलिए 18 साल से कम उम्र के बच्चों को वाहन चलाने से रोका जाना चाहिए।