Car RC Transfer : कार पर अपने मालिकाना हक को दिखाने के लिए आपके पास इसकी RC यानी रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट होना चाहिए। लेकिन अगर गाड़ी का रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट किसी और के नाम है और उसकी मृत्यु हो चुकी है तो उसे अपने नाम कराने की प्रक्रिया भी होती है।
अब रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट की प्रक्रिया को सरकार ने काफी आसान कर दिया है। इस प्रक्रिया के बाद कुछ ही दिनों में नए नाम से RC आपके घर पहुंच जाता है। आप चाहे तो इसके लिए ऑफलाइन आवेदन भी कर सकते हैं।
RC को अपने नाम पर ट्रांसफर करवाने के लिए आपको फॉर्म नंबर 30 और 29 भरने के साथ ही कुछ दस्तावेज भी लगाने होते हैं। इसके अलावा रजिस्ट्रेशन की फीस भी देनी होती है। वर्तमान में RC ट्रांसफर की प्रक्रिया आसान हो चुकी है लेकिन फिर भी लोगों के मन में एक सवाल तो आता ही है कि अगर कार के मालिक की मृत्यु हो जाती है तो गाड़ी किसके नाम होगी और कैसे होगी? इस प्रक्रिया में आपको कुछ दस्तावेज जमा कराने होते हैं, लेकिन आपको इसमें कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी होता है।
नॉमिनी के नाम होगी गाड़ी
सरकार की तरफ से कुछ समय पहले यह नियम भी जोड़ा गया था कि वह RC में नॉमिनी का नाम भी दे सकता है। इस नियम के बाद अगर कार मालिक की मृत्यु हो जाती है तो वह गाड़ी अपने आप ही नॉमिनी के नाम हो जाती है। लेकिन इसके लिए आपको मालिक का ड्राइवर लाइसेंस, इंश्योरेंस सर्टिफिकेट, RC और आधार कार्ड जमा कराना होता है। इसके साथ ही आपको कार मालिक का डेथ सर्टिफिकेट और फॉर्म 31 के रजिस्ट्रेशन फीस भी जमा करनी होती है।
यदि ना हो कोई नॉमिनी
अगर कार का कोई नॉमिनी नहीं तो ये कार मृतक के बीवी, बच्चों या बेटी के नाम हो जाती है। इसके अलावा बाकी के वही सभी दस्तावेज लगते है। इसके अलावा डिक्लेरेशन फॉर्म भरा जाता है जिसमें इस कार का मालिकाना हक ट्रांसफर करने में किसी को कोई आपत्ति नहीं है, ऐसा लिखा जाता है।
बिना RC ट्रांसफर के कार चलाई तो
अगर कोई व्यक्ति बिना गाड़ी को अपने नाम किए इसे चलाता है तो इसे कानूनन जुर्म माना जाता है और इसके लिए आपको जेल भी हो सकती है। इसके लिए आपके ऊपर चोरी का इल्जाम लगाया जाता है और लंबी कानूनी कार्रवाई चलती है।