देश भर में हर रोज हजारों की संख्या में जमीन और जायदाद के मामले देखने को मिलते हैं कुछ लोग आज भी इन्हीं मामलों को लेकर कोर्ट का चक्कर काट रहे हैं तो कुछ लोग लड़ाई झगड़ा और मारपीट तक कर रहे हैं। लेकिन क्या इस बात की जानकारी है की जमीन और जायदाद दोनों अलग-अलग शब्द है.
क्योंकि आज भी लोग जमीन और जायदाद को एक ही शब्द मानते हैं इसके बारे में बेहद कम लोगों को ही पता है कि दोनों एक नहीं बल्कि अलग-अलग शब्द है और दोनों के अलग-अलग मायने होते हैं। अगर आप भी इन दोनों शब्दों के बीच के अंतर को नहीं जानते हैं तो लिए आज हम आपको बताते हैं कि जमीन और जायदाद में क्या अंतर हैं?
क्या है जमीन ?
जमीन की बात करें तो जमीन शब्द का साफ-साफ अर्थ भूमि से निकलकर आता है और यह एक अचल संपत्ति होती है जो अलग-अलग टुकड़ों के अलावा एक इकट्ठे भी होती है। जमीन का एक मालिक होता है वह उसे जमीन पर अपने अनुसार किसी भी फल सब्जी या बागवान लगा सकता है। इसके कई आकर भी होते हैं जो अलग-अलग टुकड़ों के अलावा एक इकट्ठा भी होता है और इसे इसका मालिक ही बेच खरीद सकता है।
क्या है जायदाद?
जायदाद को अंग्रेजी में प्रॉपर्टी के नाम से जानते हैं। जमीन के मुकाबले में जायदाद एक बड़े आकार का होता है जिसे व्यापक रूप में देखा जाता है। जायदाद में हम गाड़ी, सोने, चांदी आभूषण के अलावा अन्य तरह के चल संपत्ति को देखते हैं। इसके अलावा जमीन मकान, अपार्टमेंट, बिल्डिंग भी ज्यादा अपने शामिल होते हैं। इसके अलावा सरल भाषा में समझे तो जायदाद भौगोलिक संपत्ति होती है जो किसी भी व्यक्ति के पास होती है।
भारतीय कानून में संपतियों के प्रकार
भारतीय कानून में संपतियों को दो प्रकार का कहा जाता है। जिसमें चल और अचल संपत्ति है। चल संपति में वाहन, बैंक बैलेंस, आभूषण, बॉन्ड्स जैस तमाम चीजें और अचल में पार्क, जलाशय, अपार्टमेंट, दुकानें, कमर्शियल परिसर जैसे चीजें शामिल हैं। अचल संपत्ति को खरीदा और बेचा भी जा सकता है।