Begusarai News : एक बार फिर बेगूसराय सदर अस्पताल की बड़ी लापरवाही सामने आई है, जहां डॉक्टर और स्टाफ की बड़ी लापरवाही ने एक मासूम की जिंदगी छीन ली। दरअसल, सांप के काटने के बाद एक मां अपने बेटे को लेकर इलाज के लिए सदर अस्पताल पहुंची, लेकिन डॉक्टरों और अस्पताल स्टाफ की उदासीनता के कारण बच्चे की जान नहीं बच सकी। इलाज के अभाव में मासूम की मौत हो गई, जबकि उसकी मां अस्पताल परिसर में अपने बच्चे को लेकर मदद की गुहार लगाती रही।
सांप काटने के बाद तुरंत पहुंचा सदर अस्पताल
मृतक मासूम की पहचान पोखरिया निवासी शंभू कुमार के बेटे अमरजीत कुमार (उम्र करीब 6 साल) के रूप में हुई है। परिजनों के अनुसार, सोमवार शाम करीब 5 बजे अमरजीत अपनी दादी की दुकान पर गया था, जहां किसी जहरीले सांप ने उसे डस लिया। आनन-फानन में परिजन बच्चे को लेकर सदर अस्पताल पहुंचे, ताकि समय रहते इलाज मिल सके।
नहीं मिला तत्काल इलाज
परिजनों का आरोप है कि बच्चे को अस्पताल लाने के बावजूद न तो किसी डॉक्टर ने तत्काल इलाज शुरू किया और न ही कोई नर्स या स्टाफ सहयोग को आगे आया। मासूम की मां अस्पताल में इलाज के लिए इधर-उधर दौड़ती रही, लेकिन किसी ने उसकी नहीं सुनी। अस्पताल कर्मी कभी बच्चे को ऊपर भेजते, कभी नीचे लेकिन इलाज शुरू नहीं हुआ।
तड़प-तड़प कर चली गई जान
इलाज में देरी और अव्यवस्था के कारण कुछ ही देर में मासूम की हालत बिगड़ गई और उसकी मौत हो गई। इसके बावजूद बेसुध मां अपने मृत बेटे को लेकर स्ट्रेचर पर अस्पताल परिसर में मदद की उम्मीद में घूमती रही, लेकिन कोई आगे नहीं आया। परिजनों ने सदर अस्पताल प्रशासन पर सीधा आरोप लगाया है कि यदि समय पर सही इलाज मिल जाता, तो अमरजीत की जान बच सकती थी। लेकिन डॉक्टरों की घोर लापरवाही और अस्पताल की व्यवस्था की बदहाली ने एक मासूम की जिंदगी छीन ली।
स्वास्थ्य विभाग की चुप्पी पर भी उठे सवाल
आपको बता दे की यह कोई पहली घटना नहीं है, जब इलाज के अभाव में किसी मरीज की जान गई हो। बेगूसराय सदर अस्पताल में लापरवाही और गैरजिम्मेदाराना रवैये की कई शिकायतें पहले भी आ चुकी हैं, लेकिन कोई सुधार नहीं हुआ। अब सवाल उठ रहा है कि क्या सरकार और स्वास्थ्य विभाग इस घटना से कोई सबक लेगा या फिर यह मामला भी बाकी मामलों की तरह रफा दफा कर देगा।
आखिर कब तक आम जनता को सरकारी अस्पतालों में लापरवाही की कीमत अपनी जान देकर चुकानी होगी?