Indo-Pak war: भारत- पाकिस्तान युद्ध की मध्यस्थता अब दुनिया के लिए क्रेडिट लेने का केंद्र बनती जा रही है. इस मध्यस्थता के क्रेडिट का पहले अमेरिका ने दावा किया था. अब ऐसा ही दावा चीन कर रहा है. चीन का दावा आने के बाद इस मुद्दे पर भारत सरकार की भी प्रतिक्रिया आई है. कहा जा सकता है कि चीन ने भी क्रेडिट लेने के चक्कर में ट्रंप वाली गलती कर दी.
Indo-Pak war: हमने खत्म कराई जंग
भारत पाकिस्तान सैन्य तनाव पर चीन के विदेश मंत्री ने मध्यस्थता का दावा किया था. वांग यी ने दावा किया कि इस वर्ष चीन द्वारा ‘मध्यस्थता किए गए’ हॉटस्पॉट मुद्दों की सूची में भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव भी शामिल है. चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने बयान दिया कि चीन ने भारत-पाक तनाव समेत कई वैश्विक संघर्षों में मध्यस्थता की.
Indo-Pak war: भारत की प्रतिक्रिया
चीन के इस दावे को भारत ने सिरे से खारिज कर दिया. चीन ने दावा किया था कि उसने इस साल की शुरुआत में भारत और पाकिस्तान के बीच सैन्य टकराव के दौरान कोई मध्यस्थता की भूमिका निभाई थी. भारत ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के बाद हुए सीजफायर समझौते में कोई तीसरा पक्ष शामिल नहीं था.
भारत ने साफ कहा है कि हम ऐसे दावों का पहले ही खंडन कर चुके हैं. हमने अपना रुख बार-बार साफ किया है कि भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्षविराम दोनों देशों के डायरेक्टर जनरल ऑफ मिलिट्री ऑपरेशंस (DGMO) के बीच सीधे बातचीत से तय हुआ था. इसमें किसी भी तीसरे पक्ष की कोई भूमिका नहीं थी.
Indo-Pak war: सीएनएन -18 ने सूत्रों के हवाले से कहा कि नई दिल्ली चीन के दावे को पूरी तरह से खारिज करती है कि उसने दोनों देशों के बीच मध्यस्थता की थी. भारत ने जोर दिया कि यह दुश्मनी खत्म करने में किसी बाहरी देश की कोई भूमिका नहीं थी. भारत का यह खंडन चीनी विदेश मंत्री वांग यी की टिपण्णी के बाद आया जिसमें दावा किया गया था कि बीजिंग ने वैश्विक संघर्ष क्षेत्र में अपनी व्यापक राजनयिक भागीदारी के हिस्से के रुप में भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव को कम करने की मध्यस्थता की थी.
Indo-Pak war: वांग ने बीजिंग में अंतराष्ट्रीय स्थित और चीन के विदेश संबंधों पर संगोष्ठी में बोलते हुए ये बयान दिया. वांग ने कहा कि इस साल भू-राजनीतिक उथल पुथल तेज हो गई है. इससे पहले ट्रंप ने इस मध्यस्थता का क्रेडिट लिया था लेकिन बाद में अपने बयान को वापस लेते हुए मांफी मांगी थी.
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